संवैधानिक संस्थाओं को ‘अपमानित’ करने के प्रयासों से व्यथित हूं : उप राष्ट्रपति धनखड़

संवैधानिक संस्थाओं को ‘अपमानित’ करने के प्रयासों से व्यथित हूं : उप राष्ट्रपति धनखड़

संवैधानिक संस्थाओं को ‘अपमानित’ करने के प्रयासों से व्यथित हूं : उप राष्ट्रपति धनखड़
Modified Date: December 26, 2023 / 05:22 pm IST
Published Date: December 26, 2023 5:22 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

चंडीगढ़, 26 दिसंबर (भाषा) उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कहा कि वह संवैधानिक संस्थाओं को ‘‘अपमानित’’ करने के प्रयासों से व्यथित हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों को संविधान निर्माता बी.आर. आंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए।

हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि सत्ता के गलियारे जो 10 या 15 साल पहले ‘‘दलालों की गिरफ्त में थे, अब स्वच्छ हो गए हैं।’’

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छात्रों से आंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील करते हुए, धनखड़ ने कहा, ‘‘यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम पाते हैं कि हममें से कुछ, बहुत कम संख्या में, इसका अनुसरण नहीं कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे हमारा दिल दुखी होता है। भारतीयता में विश्वास रखने वाला, भारत का नागरिक, हमारे देश को कैसे नीचा दिखा सकता है। कैसे वह देश में या बाहर जाकर हमारी संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचा सकता है?’’

उप राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सबक यह है कि वे आंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करें।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कहता हूं, आपको पहले और अंत में केवल भारतीय होना चाहिए और भारतीय के अलावा कुछ नहीं होना चाहिए।’’

भ्रष्टाचार के संदर्भ में धनखड़ ने दावा किया, ‘‘मुझे याद है कि एक दशक या 15 साल पहले शासन के गलियारे सत्ता के दलालों से भरे हुए थे… भ्रष्टाचार के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अब स्थिति यह है कि इन गलियारों को दलालों से मुक्त कर दिया गया है।’’

धनखड़ ने कहा, ‘‘भारत पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ रहा है और यह प्रगति यात्रा, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि ठहरने वाली नहीं है।’’

उन्होंने स्नातकों से संपन्न और फलते-फूलते सकारात्मक माहौल का लाभ उठाने का भी आह्वान किया।

इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत, हरियाणा के मंत्री मूलचंद शर्मा और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह उपस्थित थे।

भाषा शफीक मनीषा

मनीषा


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