श्रीनगर, 26 नवंबर (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि जब देश संविधान दिवस मना रहा है तब (देश के) सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय को ‘अभूतपूर्व खतरों’ का सामना करते देखना बेहद ‘निराशाजनक’ है।
पीडीपी प्रमुख उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा का उल्लेख कर रहीं थीं, जहां मुगलकालीन मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए अदालत के आदेश के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी।
सरकार ने मंगलवार को संविधान के अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष भर तक जारी रहने वाले समारोह की शुरुआत की।
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज जब हम संविधान दिवस मना रहे हैं, तब यह देखना निराशाजनक है कि हमारे देश में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक (समुदाय) अभूतपूर्व खतरों का सामना कर रहा है। उनकी गरिमा, जीवन, आजीविका और प्रार्थना स्थलों पर हमले हो रहे हैं। यह संविधान द्वारा हर नागरिक को जाति, पंथ और धर्म से परे सभी को सम्मान और अधिकार प्रदान किए जाने के उलट है।’’
उन्होंने कहा कि संभल में हुई हिंसा जिसमें चार लोगों की मौत हुई, ”इस कटु सच्चाई की दुखद याद दिलाती है”।
महबूबा ने कहा कि उच्च न्यायालय के इस स्पष्ट आदेश कि धर्मस्थलों की स्थिति वर्ष 1947 में उनकी मौजूदगी के अनुरूप बरकरार रहनी चाहिए, के बावजूद मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढने का रवैया बरकरार है।
पीडीपी प्रमुख ने यह कहा कि ‘संवैधानिक मूल्यों और कानून के शासन को दरकिनार करना अत्यंत चिंताजनक है।’
भाषा यासिर पवनेश
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