नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा परिदृश्य ‘‘नाजुक’’ बना हुआ है।
मणिपुर में बीते सोमवार को हिंसा का एक और दौर शुरू हो गया जब 11 संदिग्ध उग्रवादियों ने मणिपुर के जिरीबाम जिले में एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) शिविर पर अत्याधुनिक हथियारों से हमला किया। हालांकि, वे मुठभेड़ में मारे गए।
इसके एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र उग्रवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया।
मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में सुरक्षा परिदृश्य नाजुक बना हुआ है। संघर्ष में दोनों समुदायों के सशस्त्र उपद्रवी हिंसा में लिप्त रहे हैं, जिससे लोगों की जान चली गई और लोक व्यवस्था में बाधा उत्पन्न हुई।’’
बयान के अनुसार, ‘‘हिंसक और विघटनकारी गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी। प्रभावी जांच के लिए महत्वपूर्ण मामले एनआईए (राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण) को सौंप दिए गए हैं।’’
बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों को शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह मंत्रालय ने लोगों से शांति बनाए रखने, अफवाहों पर विश्वास नहीं करने और राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने का अनुरोध किया है।
नाजुक स्थिति को देखते हुए केंद्र ने बृहस्पतिवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित राज्य के छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा) को पुनः लागू कर दिया।
यह नया आदेश मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को इन छह पुलिस थानों समेत 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने के बाद जारी किया गया।
जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, वे हैं इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग।
मणिपुर सरकार के एक अक्टूबर के अफस्पा लगाने के आदेश से बाहर रहे पुलिस थानों में इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे।
पिछले वर्ष मई से इंफाल घाटी स्थित मेइती और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश
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