सड़क यातायात सुरक्षा के प्रसिद्ध विशेषज्ञ दिनेश मोहन का कोविड-19 से निधन

सड़क यातायात सुरक्षा के प्रसिद्ध विशेषज्ञ दिनेश मोहन का कोविड-19 से निधन

सड़क यातायात सुरक्षा के प्रसिद्ध विशेषज्ञ दिनेश मोहन का कोविड-19 से निधन
Modified Date: November 29, 2022 / 07:51 pm IST
Published Date: May 21, 2021 12:10 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) आईआईटी में मानद प्रोफेसर और सड़क सुरक्षा एवं आघात रोकथाम के प्रख्यात विशेषज्ञ दिनेश मोहन का शुक्रवार को कोविड-19 से उत्पन्न जटिलताओं से निधन हो गया। संस्थान के निदेशक वी रामगोपाल राव ने यह जानकारी दी।

राव ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद सेंट स्टीफन्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। दिल का दौरा पड़ने की वजह से आज उनका निधन हो गया। वह सड़क सुरक्षा और यातायात के क्षेत्र के दिग्गज थे और इस क्षेत्र में अनुसंधान में उन्होंने काफी योगदान दिया।’’

प्रख्यात इतिहासकार इरफान हबीब ने उनके निधन पर ट्विटर पर दुख प्रकट किया है।

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उन्होंने कहा, ‘‘ यह जानकर बेहद दुख हुआ कि हमारे प्यारे मित्र, आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर दिनेश मोहन का निधन कोविड से हो गया। इतिहास और विज्ञान विषय पर गहन विमर्श की कई यादें उनसे जुड़ी हैं। मैं उनकी पत्नी पेगी मोहन के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूँ।’’

कांग्रेस पार्टी के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘ बेहद दुखद। मैं उन्हें पिछले 40 वर्षों से जानता था। वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के प्रति समर्पित थे…।’’

सड़क यातायात सुरक्षा के क्षेत्र में 75 वर्षीय मोहन दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों में से एक थे। उन्हें मोटरसाइकिल हेल्मेट डिजाइन को उन्नत बनाने के क्षेत्र में काम करने के लिए जाना जाता है।

मोहन आईआईटी बॉम्बे और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के विद्यार्थी रहे थे। मोटरसाइकिल हेल्मेट में कठोर आवरण की सीमित भूमिका को लेकर वह सबसे पहले शोधपत्र प्रकाशित करने वालों में से एक थे। वहीं दीवाली के दौरान आतिशबाजी में झुलसने और कृषि मशीनों की वजह से पहुँची चोटों की घटनाओं के प्रति देश का ध्यान खींचने में भी उनकी भूमिका है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में स्वास्थ्य के लिए सामाजिक निर्धारक के निदेशक एंटनी कुर्ग ने एक ट्वीट में कहा कि वह दिनेश मोहन के निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हैं। वह सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में नई राह दिखाने वाले व्यक्ति थे और वह अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ गए हैं। उनकी आत्मा को शांति मिले।

भाषा

स्नेहा पवनेश

पवनेश


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