डीएचएफएल मामला: दिल्ली की अदालत ने वधावन बंधुओं की जमानत अर्जी खारिज की

डीएचएफएल मामला: दिल्ली की अदालत ने वधावन बंधुओं की जमानत अर्जी खारिज की

डीएचएफएल मामला: दिल्ली की अदालत ने वधावन बंधुओं की जमानत अर्जी खारिज की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: October 3, 2022 3:41 pm IST

नयी दिल्ली, तीन अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के पूर्व प्रवर्तकों कपिल वधावन और उनके भाई धीरज की वैधानिक जमानत याचिका खारिज कर दी।

दोनों को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने करोड़ों रुपये के बैंक कर्ज घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था।

आरोपियों ने अदालत में दावा किया था कि सीबीआई उनकी गिरफ्तारी से 60 दिन की अनिवार्य अवधि के अंदर उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर नहीं कर सकी, इसलिए उन्हें मामले में वैधानिक जमानत या ‘डिफॉल्ट’ जमानत का अधिकार है।

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दोनों आरोपियों को मौजूदा प्राथमिकी के तहत 19 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि जांच में मौजूदा आरोपपत्र दायर करना दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 (2)(ए)(आई) के तहत रहेगा जिसमें अधिकतम 90 दिन की अवधि का प्रावधान है।

न्यायाधीश ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ धारा 409 (लोक सेवक या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात) के तहत भी मामला दर्ज किया गया था जिसके लिए अधिकतम सजा उम्रकैद है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के अनुसार डीएचएफएल, उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) कपिल वधावन, तत्कालीन निदेशक धीरज वधावन और अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर आपराधिक साजिश के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले 17 बैंकों के समूह के साथ धोखाधड़ी की।

भाषा वैभव नरेश

नरेश


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