नई दिल्ली: आपने अपने टीवी चैनल पर बॉलीवुड एक्टर्स के माध्यम से DHFL के कई विज्ञापन देखे होंगे, और हम उस कंपनी पर 100 प्रतिशत भरोसा भी करते हैं। ये DHFL के विज्ञापन किसी कंपनी, पेस्ट, तेल या अन्य सेवाओं के बारे में बताता है। DHFL कंपनी पर लोगों ने कई दशकों से भरोसा करते आ रहे हैं। लेकिन जब ये कंपनी फर्जीवाड़े के मास्टर निकले तो, एक के बाद एक बड़े—बड़े कंपनियों का ‘खेल’ उजागर होता गया।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
एक साल पहले पता चला था कि DHFL ने प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद से गरीबों को घर देने के नाम पर सब्सिडी हड़प ली। इस प्राइवेट फाइनेंस कंपनी ने 80 हजार फर्जी अकाउंट खोले, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के फर्जी लोगों को खड़ा किया और उन्हें लोन दिया, साथ में सरकार से मिली रियायत भी खा गए।
बैंकों ने दो किस्तों में करीब 1900 करोड़ की छूट वधावन ब्रदर्स की कंपनी का ट्रांसफर कर दी। इसका मतलब ये हुआ कि कागजों में बना गरीबों का घर और हकीकत में सब्सिडी वधावन भाइयों के पास पहुंच गई। इसे 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला बताया गया। यस बैंक के साथ मिलकर भी DHFL ने अंदरखाने में भारी उलटफेर किया गया है। पहले हम 9,000 करोड़, 14 हजार करोड़, 23 हजार करोड़ को बड़ा घोटाला मानते गए लेकिन अब DHFL से ही जुड़ा 34,615 करोड़ का घोटाला सामने आया है।
इस को सीबीआई की ओर से की जा रही अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी की जांच का मामला बताया जा रहा है। कंपनी के प्रमोटर रहे कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ Bank Fraud का केस दर्ज किया गया है।आरोप है कि कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई में 17 बैंकों के समूह के साथ 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। सीबीआई के 50 से अधिक अधिकारियों की टीम ने कुछ घंटों में ही आरोपियों को मुबंई के 12 ठिकानों पर तलाश कर गिरफ्त में लिया। वधावन बंधु यस बैंक के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी हैं।
DHFL ने अपना खेल 2010 से शुरू किया था। UBI का आरोप है कि DHFL कंपनी ने बैंकों के समूह से विभिन्न व्यवस्थाओं के तहत लोन लेना शुरू किया था। 2018 आते-आते यह 42,871 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। लेकिन मई 2019 से भुगतान में डिफॉल्ट करना शुरू कर दिया। इस तरह से DHFL ने कुल 17 बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाया।
एक समय जिन वधावन ब्रदर्स का प्राइवेट सेक्टर में राज चलता था। आज जेल के सलाखों के पीछे रोटी तोड़ने की नौबत आ गई है, और वहीं धीरज वधावन को मई 2020 में गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था। वह केस यस बैंक फ्रॉड से जुड़ा था। पिरामल कैपिटल और हाउसिंग फाइनेंस (PCHF) ने 34,250 करोड़ रुपये में डीएचएफएल का अधिग्रहण कर लिया है।