नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बुधवार को कहा कि विकसित देशों को जलवायु कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए और विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले एक दशक में वैश्विक जलवायु कार्रवाई में अग्रणी भूमिका निभाई है तथा अन्य देश भी इसमें योगदान दे रहे हैं।
यादव ने ‘टाइम्स नाउ’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटना एक सामूहिक जिम्मेदारी है लेकिन विकसित देशों को इसमें आगे आना चाहिए तथा वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए।’’
इस वर्ष नवम्बर में अजरबैजान में होने वाले वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन (सीओपी29) में देशों को नए सामूहिक परिमाणित लक्ष्य (एनसीक्यूजी) पर एक समझौते पर पहुंचना है।
वर्ष 1992 में अपनाए गए ‘जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन’ (यूएनएफसीसीसी) के अनुसार उच्च आय वाले औद्योगिक देश विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में सहायता के लिए वित्त और प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने के लिए जिम्मेदार हैं।
इन देशों में अमेरिका, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोपीय संघ (ईयू) के सदस्य देश जैसे जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से औद्योगीकरण से लाभ मिला है और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में इनका योगदान सबसे अधिक रहा है।
भाषा देवेंद्र नरेश
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