लखनऊ, यूपी। कोरोना काल में अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टर्स को भगवान से कम नहीं आंका जा सकता है। अपनी और अपने परिवार की परवाह न करते हुए डॉक्टर्स दिन-रात अस्पतालों में कोविड पेशेंट्स का इलाज कर रहे हैं। कई बार खुद भी संक्रमित हो रहे हैं। कई डॉक्टर्स और चिकित्सकीय स्टाफ अपनी जान तक गवां चुके हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है। सैकड़ों लोगों की जिंदगी बचाने वाली एक महिला डॉक्टर की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद आगे आए हैं। उन्होंने डॉक्टर के लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की सरकारी मदद देने का ऐलान किया है। महिला डॉक्टर का पूरा इलाज चेन्नई में होगा।
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एक गर्भवती डॉक्टर लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहीं थीं। गर्भवती होने के बावजूद उन्होंने ड्यूटी की। 14 अप्रैल को वह खुद संक्रमण की चपेट में आ गई थीं। तब वो आठ माह की गर्भवती थीं। 19 अप्रैल को तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक मई को उन्होंने हेल्दी बेबी को जन्म दिया।
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हालांकि, इस बीच, संक्रमण के चलते उनका फेफड़ा पूरी तरह से खराब हो गया। डॉक्टर्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट की सलाह दी, लेकिन इसमें खर्चा काफी ज्यादा होने वाला था।
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प्रत्यारोपण में इतनी धनराशि खर्च करने में उनका परिवार सक्षम नहीं था। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद, सीएमएस डॉ. राजन भटनागर के साथ उन्होंने सीएम से मुलाकात कर डॉ. शारदा की जान बचाने के लिए फेफड़े के प्रत्यारोपण का विकल्प बताया।
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इसके बाद तीन दिनों में ही सीएम योगी ने कमेटी बनाकर धनराशि जारी कर दी। अब चेन्नई में महिला डॉक्टर का फेफड़ा प्रत्यारोपण कराया जाएगा। संकट की इस घड़ी में परिवार के लोग सरकार की मदद का धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि इस कदम से कोविड सेवा कर रहे अन्य डॉक्टरों का हौसला और बढ़ेगा।