घने कोहरे में लिपटी दिल्ली में सांस लेना मुहाल हुआ

घने कोहरे में लिपटी दिल्ली में सांस लेना मुहाल हुआ

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  • Publish Date - November 19, 2024 / 11:32 AM IST,
    Updated On - November 19, 2024 / 11:32 AM IST

(फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 19 नवंबर (भाषा) दिल्ली में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन घनी धुंध छायी रही और प्रदूषण का स्तर 488 पर पहुंचे एक्यूआई के साथ ‘बेहद गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया।

मंद हवाओं और गिरते तापमान के कारण प्रदूषक कणों का छंटना मुश्किल हो गया। दिल्ली के आसपास के इलाकों में पराली जलाने की घटनाओं के कारण उससे निकला धुंआ और प्रदूषक ठंडी हवा में घुलमिल जाते हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्ली में सोमवार को इस मौसम की सबसे सर्द रात दर्ज की गई, जब पारा पिछली रात के 16.2 डिग्री सेल्सियस से घटकर 12.3 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़े के अनुसार, सुबह नौ बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 488 दर्ज किया गया।

राजधानी के 32 निगरानी केंद्रों में से 31 ने एक्यूआई का स्तर 480 से अधिक दर्ज किया। दो केंद्रों, अलीपुर और सोनिया विहार में यह अधिकतम 500 रहा।

सोमवार को दिल्ली में छह वर्षों में दूसरी बार सबसे खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई और एक्यूआई 494 तक पहुंच गया।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार को पहली बार ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई, जिसके कारण अगली सुबह ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के चरण चार के तहत कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करना पड़ा।

इन उपायों के तहत आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-छह डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य सभी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध, निर्माण और तोड़ फोड़ की गतिविधियों पर पाबंदी तथा स्कूलों को बंद करना शामिल है।

वर्ष 2017 में पहली बार अधिसूचित किए गए ‘ग्रैप’ के तहत वायु प्रदूषण रोधी कई उपाय लागू किए जाते हैं, जिसका पालन राजधानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किया जाता है।

स्थिति की गंभीरता के आधार पर दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में वायु गुणवत्ता को चार अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत करता है। चरण एक – ‘खराब’ (एक्यूआई 201-300), चरण दो – ‘बहुत खराब’ (एक्यूआई 301-400), चरण तीन – ‘गंभीर’ (एक्यूआई 401-450) और चरण चार – ‘अत्यंत गंभीर’ (एक्यूआई 450 से ऊपर)।

मौसम संबंधी जानकारी देने वाले निजी मौसम केंद्र ‘स्काईमेट वेदर’ के मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में घने कोहरे के साथ-साथ मंद उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व हवा में ही फंस गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘तापमान में गिरावट के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे प्रदूषण सतह के करीब आ रहा है। अगर हवा की गति नहीं बढ़ी तो अगले दो से तीन दिनों में कोई महत्वपूर्ण सुधार होने की संभावना नहीं है। हालांकि, इस सप्ताह के अंत में बारिश होने की उम्मीद है और इससे प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है।’’

आईएमडी ने बताया कि मंगलवार को सुबह कोहरे के कारण दृश्यता घटकर 400 मीटर रह गई तथा दिन में भी दृश्यता ऐसी ही बनी रहने की संभावना है।

सुबह साढ़े आठ बजे आर्द्रता का स्तर 89 प्रतिशत दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा