इंफाल। Demand for resignation of CM Biren Singh : मणिपुर के हालात अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए है। अब तो ऐसा समय आ चुका है कि बीजेपी के 19 विधायकों ने ही मणिपुर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने की मांग की। 15 अक्टूबर को दिल्ली में हुई बैठक के बाद विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा हिंसा रोकने का यह एकमात्र रास्ता है। सिर्फ सुरक्षा बलों की तैनाती से कुछ नहीं होगा। यहां के लोग अब बीजेपी सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं। जनता का भरोसा टूट रहा है। इसलिए इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि बीजेपी विधायकों ने चेतावनी दी अगर हिंसा लंबे समय तक जारी रही, तो राष्ट्र के तौर पर भारत की छवि भी खराब होगी। इस बैठक में कुकी, मैतई और नगा विधायक भी शामिल थे। पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद सिंह शामिल है।
विधायकों ने पीएम मोदी से अपील की है कि सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू की जाए ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके। चिट्ठी में यह भी बताया गया है कि राज्य में व्यापार ठप हो गया है, जिससे महंगाई आसमान छू रही है और कई लोग बेरोजगार हो गए हैं। विधायकों ने साफ कहा कि अगर जल्दी कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। जिससे भारत को काफी नुकसान होगा। पत्र में कहा गया है कि केवल बहुआयामी तरीके से बातचीत और सार्थक जुड़ाव ही सुलह और शांति स्थापित कर सकता है।
इसलिए पत्र में विधायकों ने कहा कि वक्त की मांग है कि बातचीत शुरू करने में बाधा डालने वाले महत्वपूर्ण कारणों की जांच की जाए और इसे सम्मानित करने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए कार्रवाई की जाए। लेटर में विधायकों ने यह भी कहा कि सभी फैक्टों को ध्यान में रखते हुए हमने एक बार फिर मणिपुर को सुरक्षित रखने के लिए सभी स्टेकहोल्डरों के साथ मिलकर शांति वर्ता शुरू करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की जाए।
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