(आलोक सिंह)
नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) जम्मू में आतंकी हमले की शिकार हुई बस में सवार 21 वर्षीय सौरव गुप्ता ने अन्य यात्रियों को आगाह करने के लिए शोर मचाया था, लेकिन तभी एक गोली उनकी गर्दन के पिछले हिस्से में लग गयी।
रविवार को जम्मू के रियासी में बस पर हुए आतंकी हमले में मारे गए नौ तीर्थयात्रियों में सौरव भी शामिल थे।
सौरव के पिता कुलदीप गुप्ता और परिवार के अन्य सदस्य शव को एंबुलेंस से दिल्ली लेकर आए। मंगलवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के मंडोली इलाके में उनके घर के पास अंतिम संस्कार किया गया।
सौरव अपनी पत्नी शिवानी गुप्ता के साथ संतान प्राप्ति की प्रार्थना के लिए जम्मू में वैष्णो देवी मंदिर गए थे। दो साल से शादीशुदा इस जोड़े को उसी दिन बाद में घर लौटना था।
सौरव के चाचा मनोज गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘शिवानी ने अपनी आंखों के सामने अपने पति को मरते हुए देखा। वह बेसुध है।’’
उन्होंने बताया, ‘‘जब आतंकवादियों ने बस पर हमला किया, तब सौरव चालक के पीछे खिड़की वाली सीट पर बैठे थे। जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई, उन्होंने शोर मचाया, लेकिन उन्हें गोली लग गई। गोली उनकी गर्दन के पिछले हिस्से में लगी, क्योंकि वह खिड़की के पास बैठे थे।’’
मनोज गुप्ता ने बताया कि शिवानी हमले में सुरक्षित बच गईं, लेकिन बस के खाई में गिर जाने से उनके पैर और चेहरे में फ्रैक्चर हो गया। शिवानी का फिलहाल दंपति के घर के पास स्थित एक नर्सिंग होम में इलाज चल रहा है।
तीन साल की उम्र में अपनी मां को खो चुके सौरव के परिवार में उनकी पत्नी, पिता और एक छोटा भाई है।
सौरव का छोटा भाई कॉलेज में पढ़ रहा है। सौरव गांधी नगर इलाके में एक एक्सपोर्ट हाउस में काम करते थे।
भाषा शफीक अविनाश
अविनाश