दिल्ली जलसंकट: आतिशी अस्पताल में भर्ती, अनशन हुआ खत्म

दिल्ली जलसंकट: आतिशी अस्पताल में भर्ती, अनशन हुआ खत्म

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  • Publish Date - June 25, 2024 / 06:28 PM IST,
    Updated On - June 25, 2024 / 06:28 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में पानी की कमी के बीच दिल्ली के लिए पानी छोड़ने की मांग को लेकर दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का अनिश्चितकालीन अनशन मंगलवार तड़के उनकी सेहत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराये की वजह से समाप्त हो गया।

दिल्ली सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहीं आतिशी को लोक नायक जयप्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के आपातकालीन आईसीयू (सघन चिकित्सा इकाई) में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत अब स्थिर है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आतिशी के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की। साथ ही यह भी कहा, ‘उन्हें जनता को गुमराह करना बंद करना चाहिए।’

आतिशी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन वह आईसीयू में हैं।

वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा, ‘कल शाम को शर्करा स्तर गिरने और उनके मूत्र में कीटोन की मौजूदगी का पता चलने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी गई थी। उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया था। हालांकि, आधी रात को उनकी हालत बिगड़ने लगी और उन्हें सुस्ती आने लगी, जिसके बाद उन्हें भर्ती कराया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है और उन्हें आईसीयू में रखा गया है। उनके खून की जांच की जा रही है।’

चिकित्सक ने बताया कि उन्हें पानी दिया जा रहा है और वह अंतःशिरा उपचार (इन्ट्रावेनस थेरेपी) पर हैं। उनका शर्करा स्तर कम होकर 36एमजी/डीएल पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा, ‘मस्तिष्क की कोशिकाओं को ग्लूकोज की आवश्यकता होती है और यदि ग्लूकोज उस तक नहीं पहुंचता है, तो यह सुस्ती और बेहोशी का कारण बनता है। यदि समय पर चिकित्सा मुहैया नहीं करायी जाए तो, रोगी ‘हाइपोग्लाइसेमिक कोमा’ में जा सकता है। रक्त शर्करा के स्तर में गिरावट से कई अंग काम करना बंद कर सकते हैं। समय पर समाधान नहीं होने पर हाइपोग्लाइसीमिया मस्तिष्क की कोशिकाओं और अन्य अंगों के लिए एक चिकित्सा आपातकाल है।’

रक्त में सामान्य शर्करा का स्तर 70 एमजी/डीएल और 100 एमजी/डीएल के बीच होना चाहिए।

आतिशी ने अनशन 21 जून से शुरू किया था।

आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मंत्री ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपना अनिश्चितकालीन अनशन समाप्त कर दिया।

सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि करीब पांच दिनों तक अनशन पर रहने के बाद आतिशी की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तड़के करीब 3.45 बजे एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कहा कि आतिशी अब आईसीयू में भर्ती हैं और उनकी जांच की जा रही है, इसलिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल रोक दी गई है।

आप नेता ने कहा कि पार्टी के सभी सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली को हरियाणा से पानी का उचित हिस्सा दिलाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि आप और उसके राजनीतिक सहयोगी संसद में भी इस मुद्दे को उठाएंगे।

सिंह ने कहा कि पिछले तीन सप्ताह में हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए छोड़े जाने वाले यमुना के पानी में दिल्ली का हिस्सा 10 करोड़ गैलन प्रति दिन (एमजीडी) कम कर दिया था, लेकिन पिछले दो दिन से इसमें बढ़ोतरी होने लगी है और अब दिल्ली के लिए छोड़े जाने वाले पानी के हिस्से में 90 एमजीडी की कमी रह गई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा गया है कि दिल्ली के लोग राष्ट्रीय राजधानी के साथ ‘भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय का जवाब जरूर देंगे।’’ यह पोस्ट उनकी टीम द्वारा की गई है।

पोस्ट में कहा गया है, ‘‘दिल्ली की जल मंत्री आतिशी जी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी थीं, ताकि दिल्ली के लोगों को उनके हक़ का पानी मिल सके। कल रात उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके स्वास्थ्य को लेकर आज हर दिल्लीवासी चिंतित है। भाजपा की सरकार जो अन्याय दिल्ली के साथ कर रही है, दिल्ली के लोग उसका जवाब जरूर देंगे। हम सब आतिशी जी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। इस सत्याग्रह में हर एक दिल्लीवासी उनके साथ है। पोस्ट टीम अरविंद केजरीवाल द्वारा किया गया है।’

केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाने वाली दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व प्रमुख स्वाति मालीवाल ने भी आतिशी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उन्होंने कहा कि भूख हड़ताल करने की ताकत जमीन पर संघर्ष करने से ही मिलती है, झूठ बोलने से नहीं।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आतिशी जी, गांधी जी ने उपवास की पवित्र विधि को सत्याग्रह नाम दिया था। सत्याग्रह हमेशा सच्चे और शुद्ध मन से किया जाता है। मैंने दो बार उपवास किया। एक बार 10 दिन का और एक बार 13 दिन का। मेरे उपवास के बाद देश में कानून बना कि बच्चों के साथ बलात्कार करने वालों को मौत की सजा दी जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संघर्ष का रास्ता बहुत कठिन होता है। भूख हड़ताल करने की ताकत जमीन पर कई सालों तक संघर्ष करने से ही मिलती है। दिन भर दूसरों के बारे में झूठ और गंदी बातें बोलने से नहीं। मुझे उम्मीद है कि आपका स्वास्थ्य जल्द ही ठीक हो जाएगा और आप दिल्ली की जनता के लिए काम करेंगी।’’

सचदेवा ने इसी तरह की भावना दोहराते हुए कहा कि सत्याग्रह का सार सत्य के लिए लड़ना है। उन्होंने दावा किया, ‘हम 21 जून से कह रहे हैं कि आप सत्याग्रह नहीं कर सकते, क्योंकि आपका सत्य से कोई संबंध नहीं है। महात्मा गांधी और लाला लाजपत राय से लेकर विनोबा भावे और अन्ना हजारे तक, सत्याग्रहियों ने सत्य को उजागर करने के लिए उपवास किया, न कि अपनी प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने के लिए, जैसा कि आतिशी करना चाहती थीं।’

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

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