Delhi Vidhan Sabha Election 2025: नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नज़दीक आते ही राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए दोनों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से वैचारिक रूप से जुड़ा बताया। शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ओवैसी ने भाजपा को आरएसएस का “प्रोडक्ट” करार दिया और आप को एक “प्रयोगशाला में विकसित संगठन” बताया।
ओवैसी ने कहा, “भाजपा और आप में कोई मौलिक अंतर नहीं है। दोनों ही विचारधारा के मामले में आरएसएस के समान हैं। आरएसएस ने पहले जनसंघ बनाया और फिर 1980 में भाजपा का गठन किया। वहीं, आम आदमी पार्टी 2012-13 में एक बड़े संस्थान में बनाई गई, और इसे प्रयोगशाला में तैयार किया गया।”
Delhi Vidhan Sabha Election 2025: दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनज़र भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज़ हो गया है। चुनाव आयोग द्वारा जल्द ही तारीखों की घोषणा की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी ने पहले ही सभी 70 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम जारी कर दिए हैं। वहीं, भाजपा ने शनिवार को अपने 29 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।
भाजपा ने नई दिल्ली विधानसभा सीट पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले का केंद्र बनने जा रही है, जहां वर्मा के अलावा कांग्रेस के संदीप दीक्षित भी अपनी किस्मत आज़माएंगे।
Delhi Vidhan Sabha Election 2025: भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को प्रमुख सीटों पर उतारने का फैसला किया है। करोल बाग से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया गया है। कालकाजी सीट पर भाजपा के रमेश बिधूड़ी, जो वर्तमान में आप की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार आतिशी से भिड़ेंगे, चर्चा में हैं।
2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में भारी जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी के लिए यह चुनाव भी एक बड़ी चुनौती है। पिछली बार पार्टी ने 70 में से 62 सीटें अपने नाम की थीं। इस बार भाजपा और कांग्रेस अपनी रणनीति बदलते हुए आप के किले को भेदने की कोशिश कर रही हैं।
Delhi Vidhan Sabha Election 2025: अब यह देखना दिलचस्प होगा कि फरवरी में होने वाले चुनावों में जनता किसे अपना समर्थन देती है और दिल्ली की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।