नयी दिल्ली: Delhi University revises teacher recruitment दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए अपने पात्रता मानदंड में संशोधन किया है, जिसमें ‘‘प्रस्तुतिकरण’’ का एक अतिरिक्त चरण शामिल किया गया है। इस कदम की शिक्षक समुदाय ने कड़ी आलोचना की है और इसे वापस लेने की मांग की है। विश्वविद्यालय ने शिक्षक भर्ती के लिए हाल में अधिसूचित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में न्यूनतम पात्रता को पहले के 50 अंक से बढ़ाकर 55 अंक कर दिया है। साथ ही अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/दिव्यांग वर्ग के उम्मीदवारों के लिए पांच अंक की छूट भी दी गई है।
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Delhi University revises teacher recruitment नये नियमों के अनुसार, अभ्यर्थियों के अंतिम चयन की प्रक्रिया दो चरणों में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रस्तुति के माध्यम से मूल्यांकन और चयन समिति द्वारा साक्षात्कार शामिल है। तीन जून को जारी अधिसूचना में कहा गया कि प्रस्तुति का मूल्यांकन कई कारकों के आधार पर किया जाएगा, जिसमें ‘‘विनम्रता और शिक्षण के प्रति उत्साह’’ शामिल है। इसमें कहा गया कि अभ्यर्थियों को उनके लेखन कौशल के मूल्यांकन के लिए प्रस्तुति के दिन एक निबंध भी लिखने के लिए कहा जाएगा। विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों के मूल्यांकन में प्रयुक्त विभिन्न घटकों के लिए दिए जाने वाले अंकों में भी परिवर्तन किया है।
विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की सदस्य माया जॉन ने कहा, ‘‘शैक्षणिक रिकॉर्ड, अनुभव और शोध कार्य जैसे वस्तुनिष्ठ मापदंडों को 100 अंकों में से 20 अंकों के लिए एक साथ रखा गया है, जबकि व्यक्तिपरक मापदंडों को उच्च महत्व दिया गया है, जिससे मूल्यांकन अत्यधिक मनमाना हो गया है।’’ संकाय सदस्य ने कहा कि नए एसओपी का विरोध किया जाना चाहिए, क्योंकि यह आवेदकों की संख्या को सीमित कर देगा।