नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 के दंगों से जुड़े मामलों में समयबद्ध तरीके से आरोपियों को रंगीन तस्वीरें तथा सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराने के अपने निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए पुलिस की खिंचाई की तथा कहा कि क्यों नहीं संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने पुलिस को यह चेतावनी तब जारी की जब दंगों के एक मामले में आरोपी विनोद ने कहा कि उसे आरोप पत्र की पूरी प्रति मिल गई है, लेकिन उन तस्वीरों की रंगीन प्रतियां नहीं मिली हैं जिन पर अभियोजन पक्ष ने भरोसा किया है।
अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) और पुलिस उपायुक्त (पूर्वोत्तर) दंगों से जुड़े सभी मामलों में सभी आरोपियों को समयबद्ध तरीके से उचित पावती के साथ रंगीन तस्वीरों की प्रतियां और सीसीटीवी फुटेज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के पहले के निर्देश का पालन करने में विफल रहे हैं।
अदालत ने 23 अक्टूबर को एक आदेश में जांच अधिकारी और पुलिस उपायुक्त को कारण बताओ नोटिस जारी कर सवाल किया कि अदालत के निर्देश का पालन नहीं करने पर दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 60 के साथ (धारा 122 के साथ पढ़ें) सहित कानून के अनुसार क्यों नहीं उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
मामले में अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
भाषा अविनाश अनूप
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