नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में कथित भूमिका को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और दिल्ली के मंत्री कपिल मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किये जाने की मांग करने वाली याचिका पर सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने अभियोजन पक्ष, शिकायतकर्ता और मिश्रा के अधिवक्ता की दलीलें सुनने के बाद एक अप्रैल के लिये आदेश सुरक्षित रख लिया।
पुलिस ने अदालत को बताया था कि मिश्रा पर दोष मढ़ने के लिए एक योजना बनाई जा रही थी।
विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने तर्क दिया था कि दंगों की बड़ी साजिश में मिश्रा की भूमिका की पहले ही जांच की जा चुकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली प्रोटेस्ट सपोर्ट (डीपीएसजी) समूह की बातचीत से पता लगता है कि चक्का जाम की योजना काफी पहले बनाई गई थी। पुलिस जांच से पता लगा है कि मिश्रा पर दोष मढ़ने की योजना बनाई गई थी।’’
यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने मिश्रा, दयालपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी और पांच अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। इन पांच लोगों में भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, भाजपा के पूर्व विधायक जगदीश प्रधान भी शामिल हैं।
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)