दिल्ली दंगे: अदालत ने यूएपीए मामले में जामिया के छात्र तनहा की जमानत याचिका की खारिज

दिल्ली दंगे: अदालत ने यूएपीए मामले में जामिया के छात्र तनहा की जमानत याचिका की खारिज

दिल्ली दंगे: अदालत ने यूएपीए मामले में जामिया के छात्र तनहा की जमानत याचिका की खारिज
Modified Date: November 29, 2022 / 08:50 pm IST
Published Date: October 27, 2020 1:40 pm IST

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में षड्यंत्र से जुड़े एक मामले में ‘अवैध गतिविधि (रोकथाम) कानून’ (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उसने पूरी साजिश में कथित रूप से सक्रिय भूमिका निभाई थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने 26 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि इस बात पर भरोसा करने के पर्याप्त आधार हैं कि तनहा के खिलाफ लगे आरोप प्रथम दृष्ट्या सही हैं।

तनहा को दंगों के संबंध में ‘‘सोची समझी साजिश’’ का कथित रूप से हिस्सा होने के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

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न्यायाधीश ने कहा, “…मैं स्पष्ट रूप से यह कहना चाहूंगा कि देश के सभी नागरिकों को प्ररदर्शन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन वह उचित पाबंदियों के अधीन है।”

उन्होंने कहा, “इस बात में भी कोई संदेह नहीं कि हर नागरिक किसी कानून के बारे में अपनी राय रख सकता है जिसे वह अपनी समझ के मुताबिक अनुचित मानता हो। किसी भी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने की स्वतंत्रता व अधिकार नागरिकों के पास है।”

आदेश में कहा गया, हालांकि “संशोधित नागरिकता कानून के नाम पर हंगामेदार प्रदर्शन” और उसके साथ हिंसक गतिविधियां यह दिखाती हैं कि यह भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने के उद्देश्य से की गई थी।

आदेश में कहा गया, “भारत की एकता और अखंडता को चुनौती देने वाले कृत्य, जिनमें सामाजिक विद्वेष और लोगों के किसी वर्ग में, उन्हें चारों तरफ से घिरा महसूस कराकर, आतंक पैदा करना भी एक आतंकवादी कृत्य है।”

इसमें कहा गया गवाहों के बयान से तनहा के खिलाफ पर्याप्त आपत्तिजनक सामग्री है और एक गवाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदर्शन की पूरी योजना पिंजरा तोड़, जेसीसी (जामिया समन्वय समिति) के सदस्यों और युनाइटेड अगेंस्ट हेट द्वारा बनाई गई थी।

भाषा

प्रशांत माधव

माधव


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