नयी दिल्ली, 11 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में 2024 में हत्या, लूटपाट, बलात्कार और छेड़छाड़ जैसे अपराधों में पिछले वर्ष की तुलना में मामूली कमी दर्ज की गई। यह जानकारी दिल्ली पुलिस की ओर से जारी वार्षिक आंकड़ों से मिली।
आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कमी दर्ज की गई और 2024 में बलात्कार के मामले घटकर 2,076 हो गए, जो 2023 में 2,141 थे। इसी तरह, छेड़छाड़ की घटनाएं 2,345 से घटकर 2,037 हो गईं।
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2024 में हत्या की 504 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि 2023 में हत्या की 506 घटनाएं सामने आई थीं। इसी तरह, लूटपाट के मामले 2024 में घटकर 1,510 हो गए, जो उसके पिछले साल 1,654 थे। दिल्ली में दंगों की संख्या भी 2023 में 43 से घटकर 2024 में 33 हो गई।
कुछ अपराधों के आंकड़े अपरिवर्तित रहे, क्योंकि 2023 और 2024 दोनों वर्षों में डकैती के 29 और फिरौती के लिए अपहरण के 13 मामले दर्ज किए गए।
हालांकि, चिंता के क्षेत्र अभी भी बने हुए हैं, क्योंकि दिल्ली में घातक दुर्घटनाओं और सेंधमारी की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है। घातक दुर्घटनाएं 2023 में 1,432 से बढ़कर 2024 में 1,504 हो गईं, जबकि सेंधमारी की घटनाओं की संख्या 29,000 से ज्यादा हो गई, जो 2023 की तुलना में 400 से अधिक की वृद्धि दर्शाती है।
दूसरी ओर, कई अपराधों में उल्लेखनीय कमी देखी गई। छिनैती के मामले 2023 में 7,886 से घटकर 6,493 हो गए। मोटर वाहन चोरी में मामूली सुधार हुआ, जिसके मामले 40,045 से घटकर 39,976 हो गए।
चोरी, जो दिल्ली में सबसे ज्यादा दर्ज किए जाने वाले अपराधों में से एक है, 2024 में उसके 1,17,563 मामले दर्ज किए गए, जो 2023 के 1,58,965 मामलों से काफी कम है। साधारण दुर्घटना के मामलों में भी सुधार हुआ, जो 2023 के 4,283 से घटकर 2024 में 4,069 हो गए।
आंकड़ों के अनुसार, शस्त्र अधिनियम से जुड़े मामलों में भी मामूली कमी देखी गई और 2024 में ऐसे 3,526 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2023 में ऐसे 3,579 मामले सामने आए थे।
हालांकि, आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में तेज वृद्धि देखी गई, जो वर्ष 2023 के 5,951 मामलों से बढ़कर 6,445 हो गए।
इसी तरह, जुआ अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई, जो 2023 में 3,534 से बढ़कर 2024 में 3,556 हो गए।
एनडीपीएस अधिनियम के तहत भी मामले 2023 में 1,325 से बढ़कर 2024 में 1,789 हो गए।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपराध में समग्र गिरावट का श्रेय बेहतर कानून प्रवर्तन रणनीतियों और लक्षित अभियानों को दिया।
भाषा अमित पारुल
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