नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की खतरनाक वायु गुणवत्ता से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के तहत कुल 260 स्थलों को धूल संबंधी उल्लंघन के लिए चिह्नित किया गया, 204 को पर्यावरण मंजूरी संबंधी कार्रवाई का सामना करना पड़ा तथा 35 को बंद करने के आदेश दिये गये। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने 775 अवैध ‘डंपिंग साइट’ (कचरा ढलाव स्थलों) के खिलाफ कार्रवाई की, 259 डीजल जनरेटर को सील कर दिया तथा कार्यान्वयन के सबसे जरूरी वक्त में 24,000 से अधिक शिकायतों का समाधान किया।
दिल्ली के पर्यावरण निकायों ने गंभीर प्रदूषण स्तरों से निपटने के अपने निरंतर प्रयासों के तहत जीआरएपी के विभिन्न चरणों के तहत कड़े उपाय लागू किए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) क्षेत्र में, धूल शमन मानदंडों के अनुपालन के लिए 6,741 स्थलों का निरीक्षण किया गया, जिनमें से 260 पर जीआरएपी के संबंधित चरण का अनुपालन नहीं किया जा रहा था तथा ऐसे स्थलों को चिह्नित किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि 204 परियोजनाओं पर पर्यावरण मंजूरी का अनुपालन नहीं किये जाने को लेकर कार्रवाई की गयी, जबकि 35 परियोजनाओं को बंद करने के आदेश जारी किए गए।
इसके अतिरिक्त, अवैध डंपिंग साइट की पहचान करने के लिए 974 निरीक्षण किए गए, जिसके परिणामस्वरूप अवैध डंपिंग करने के 775 मामलों में कार्रवाई की गई।
इसके अलावा, आंकड़ों से पता चला कि पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) को कम करने के लिए 1,35,350 किलोमीटर सड़कों की यांत्रिक सफाई की गई।
औद्योगिक क्षेत्र में जीआरएपी के चौथे चरण के दिशानिर्देशों के तहत 88 औद्योगिक इकाइयों का भौतिक निरीक्षण किया गया।
भाषा सुरेश अमित
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