नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक सप्ताह से भी कम समय शेष रहने के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बृहस्पतिवार को युवा मतदाताओं से ‘‘सही विकल्प’’ चुनने का आग्रह किया।
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में खराब सड़कों और जलापूर्ति जैसे मुद्दों का जिक्र किया।
आम आदमी पार्टी (आप) 2015 से दिल्ली की सत्ता में है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप सरकार को हटाने के लिए हरसंभव प्रयास किए हैं।
जयशंकर दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में ‘‘विकसित भारत के लिए युवा’’ शीर्षक वाले एक संवाद सत्र को संबोधित कर रहे थे। इस क्रम में उन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार करने में दिल्ली के महत्व को रेखांकित किया।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘युवाओं के बिना, कोई ‘विकसित भारत’ नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी के रूप में दिल्ली पर एक विशेष जिम्मेदारी है। जब दूसरे देशों के लोग दिल्ली आते हैं, तो वे यहां जो कुछ भी देखते हैं, उससे भारत के बारे में उनकी धारणा बनती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विकसित दिल्ली विकसित भारत का केंद्र है। इसे देश और उससे भी आगे के लिए एक मॉडल होना चाहिए।’’
जयशंकर ने शहर में नागरिकों से जुड़े मुद्दों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले पांच साल में मैंने ढेरों समस्याएं देखी हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में सड़कें नहीं हैं, नियमित जलापूर्ति नहीं है।’’
आम आदमी पार्टी नीत दिल्ली सरकार की कल्याणकारी नीतियों पर परोक्ष हमला बोलते हुए मंत्री ने वादे पूरा नहीं करने की संस्कृति की आलोचना की। मुफ्त उपहारों के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा, ‘‘अगर मैं ऐसे वादे करता हूं जो गंभीर नहीं हैं, जिनके लिए मैंने कोई योजना नहीं बनाई है और संभवतः उन्हें पूरा करने का कोई इरादा नहीं है, तो मैं इसे मुफ्त उपहार कहता हूं।’’
मुफ्त बिजली, पानी और अन्य कल्याणकारी सेवाओं की आप सरकार की नीति अक्सर विवाद का विषय रही है, जिसकी भाजपा ने तीखी आलोचना की है।
जयशंकर ने युवाओं से राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपको लगता है कि अभी कुछ और महत्वपूर्ण है, तो पांच साल बाद सड़कों की मरम्मत नहीं होने या पुल नहीं बनने की शिकायत नहीं करें। ये मुद्दे इसलिए उठते हैं क्योंकि सही समय पर आपने सही विकल्प चुनने के लिए कदम नहीं उठाया।’’
दिल्ली विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होना है। मतों की गिनती आठ फरवरी को होगी।
भाषा अविनाश मनीषा
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