ईमेल से धमकी: दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों को बम निरोधक व श्वान दस्ते मुहैया कराने की योजना बनाई

ईमेल से धमकी: दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों को बम निरोधक व श्वान दस्ते मुहैया कराने की योजना बनाई

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  • Publish Date - June 22, 2024 / 06:21 PM IST,
    Updated On - June 22, 2024 / 06:21 PM IST

(आलोक सिंह)

नयी दिल्ली, 22 जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों, अस्पतालों और अन्य प्रतिष्ठानों को ईमेल के माध्यम से बम की धमकी देने के कई मामले आने के बाद दिल्ली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई के लिए बम का पता लगाने वाले, बम निरोधक और श्वान दस्तों का प्रत्येक जिले में विस्तार करने की योजना बनाई है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

दिल्ली के 15 पुलिस जिलों के लिए पांच बम निरोधक दस्ते, बम का पता लगाने वाले 18 दल और एक श्वान दस्ता है जिसमें 70 कुत्ते हैं। तीनों इकाइयां अपराध शाखा के तहत आती हैं।

पिछले दो महीनों में अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों, संग्रहालयों, रेलवे प्रतिष्ठानों, जेलों और सरकारी कार्यालयों को ईमेल के माध्यम से बम की धमकी मिलने की कम से कम सात घटनाएं हुई हैं। ये ईमेल विर्चुल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) या प्रॉक्सी सर्वर के जरिए भेजे गए थे।

बाद में ये धमकियां फर्जी मिली थीं और विशेष प्रकोष्ठ इनकी जांच कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि जब भी ऐसी कोई धमकी मिलती है तो प्रशासन का पूरा तंत्र परिसर की तलाशी में जुट जाता है।

उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस के बाद बम का पता लगाने वाला दल, बम निरोधक दस्ता और श्वान दस्ता ऐसी स्थितियों में सबसे पहले प्रतिक्रिया देते हैं।

सूत्रों ने कहा कि इन इकाइयों के पास सीमित संसाधन उपलब्ध होने के कारण कर्मचारियों पर काम का अत्यधिक बोझ रहता है।

एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि इन दस्तों की संख्या बढ़ाने और दिल्ली के प्रत्येक पुलिस जिले के लिए समर्पित इकाइयां स्थापित करने की योजना है।

सूत्र ने बताया कि इससे आपात स्थिति में बल को तेजी से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि एक योजना तैयार कर ली गई है तथा फाइल मंजूरी के लिए उच्च अधिकारियों को भेजी गई है।

प्रस्ताव के अनुसार, बम का पता लगाने, उसे नष्ट करने और श्वान दस्तों में अधिक कर्मियों को शामिल करके उन्हें विभाजित किया जाएगा।

बम का पता लगाने, उसे नष्ट करने के लिए उपकरण तथा बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदने का प्रस्ताव है।

श्वान दस्ते में वर्तमान में 61 खोजी कुत्ते, छह ट्रैकर और तीन मादक पदार्थों का पता लगाने वाले कुत्ते हैं, जिन्हें प्रत्येक पुलिस जिले में विभाजित किया जा सकता है।

सूत्रों ने बताया कि यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो कुत्तों और उनके संचालकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली पुलिस के श्वान दस्ते में 27 लैब्राडोर रिट्रीवर, 18 बेल्जियन शेफर्ड (मैलिनोइस), 16 जर्मन शेफर्ड और छह से नौ महीने की उम्र के नौ गोल्डन रिट्रीवर हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि प्रत्येक कुत्ता औसतन करीब नौ वर्षों तक पुलिस बल में सेवा देता है और सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें गैर-सरकारी संगठनों को सौंप दिया जाता है।

आधिकारिक सूत्र ने बताया कि कुछ स्थानों पर समर्पित श्वान दस्तों की इकाइयां हैं, लेकिन पुलिस की शाहदरा, दक्षिण दिल्ली, रोहिणी, दक्षिणपूर्व, बाहरी दिल्ली, बाहरी उत्तर, उत्तर पूर्वी दिल्ली और द्वारका जिलों में ये इकाइयां स्थापित करने की योजना है।

भाषा

नोमान संतोष

संतोष