दिल्ली : दलित महापौर की नियुक्ति में देरी के कारण एमसीडी सदन स्थगित

दिल्ली : दलित महापौर की नियुक्ति में देरी के कारण एमसीडी सदन स्थगित

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  • Publish Date - October 5, 2024 / 07:15 PM IST,
    Updated On - October 5, 2024 / 07:15 PM IST

नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में दलित महापौर की नियुक्ति में देरी को लेकर हंगामे के बीच शनिवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया।

हाथों में पोस्टर व बैनर लिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पार्षद नारेबाजी करते हुए सदन में आसन के समीप चले गये और महापौर का चुनाव कराने की मांग की।

हंगामे के बीच महापौर शैली ओबेरॉय ने कई प्रस्ताव पारित किए। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन में आम आदमी पार्टी (आप) पार्षदों के बहुमत में हुए बिना ओबेरॉय द्वारा प्रस्ताव पारित करने पर आपत्ति जताते हुए नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल ने कहा कि पारित प्रस्ताव अवैध माने जाएंगे।

सदन में ‘आप’ के 81 पार्षद मौजूद थे जबकि भाजपा के पास 94 पार्षदों के साथ बहुमत था। इसके साथ ही कांग्रेस के छह पार्षद भी सदन में मौजूद थे।

भाजपा ने दावा किया कि स्थायी समिति के चुनाव में बाधा उत्पन्न किए जाने से नाराज ‘आप’ पार्षद सत्र में शामिल नहीं हुए।

इकबाल ने कहा कि भाजपा पार्षदों ने प्रस्तावों पर मतदान की मांग की लेकिन महापौर ने इस अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया।

सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो ओबेरॉय ने 26 सितंबर को आपत्तियों के बावजूद जल्दबाजी में स्थायी समिति के चुनाव कराए जाने की आलोचना की।

ओबेरॉय ने कहा, “सदन की पिछली बैठक में एमसीडी स्थायी समिति के चुनाव नहीं हो पाए थे। सदन को पांच अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया था और इस बैठक में चुनाव होना था लेकिन असंवैधानिक तरीके से 27 सितंबर को जल्दबाजी में चुनाव कराए गए।”

महापौर ने बैठक को स्थगित करने से पहले कहा, “उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर संज्ञान लिया और आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक चुनाव नहीं कराए जाएंगे।”

मामले की दो सप्ताह बाद होने वाली अगली सुनवाई तक स्थायी समिति के अध्यक्ष के चुनाव को भी रोक दिया गया है।

न्यायालय ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अगली सुनवाई तक चुनाव न कराने का निर्देश दिया था।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव