Delhi Lieutenant Governor VK Saxena writes to AAP national convenor Arvind Kejriwal : नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर से जंग छिड़ने के आसार है। अगले साल दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने है वही इसे पहल एलजी ने पूर्व सीएम केजरीवाल को दो पन्नों का एक खत लिखा है।
Delhi Lieutenant Governor VK Saxena writes to AAP national convenor Arvind Kejriwal : अपने पत्र में एलजी ने लिखा कि, ” यमुना इस साल प्रदूषण के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। मैं व्यक्तिगत रूप से इसके लिए आपको जिम्मेदार मानूंगा, क्योंकि आपने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यमुना में हो रहे सफाई कार्य को रुकवाया था। मैंने आपसे बार-बार अनुरोध किया है कि आप स्वयं शहर में निकलकर स्थिति का आकलन करें। परसों भी मैंने “X” पर अपनी पोस्ट के माध्यम से आपसे रंगपुरी और कापसहेड़ा जाने का अनुरोध किया था, लेकिन इस अवसर पर भी आप स्वयं वहां नहीं गए, बल्कि आपने अपनी घोषित अस्थायी मुख्यमंत्री आतिशी को वहां भेजना उचित समझा। खैर, यह खुशी की बात है कि अब आपको अपनी जिम्मेदारियों का संज्ञान होने लगा है और दस साल बाद आपको दिल्ली की बिगड़ती हालत और लोगों की दुर्दशा और लाचारी नजर आने लगी है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं भविष्य में भी इन मुद्दों पर आपका ध्यान आकर्षित करता रहूंगा।”
Delhi Lieutenant Governor VK Saxena writes to AAP national convenor Arvind Kejriwal
The letter reads, “…The Yamuna has reached its highest level of pollution this year. I will personally hold you responsible for this, since you had filed a petition in the Supreme Court and… pic.twitter.com/xFhkbBZo9O
— ANI (@ANI) December 23, 2024
उत्तर: एलजी ने यमुना नदी के प्रदूषण के लिए केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि सफाई कार्य रुकवाने में उनकी भूमिका रही है।
उत्तर: जी हां, एलजी ने रंगपुरी और कापसहेड़ा जाने का अनुरोध किया था, लेकिन केजरीवाल ने खुद जाने की बजाय आतिशी को वहां भेजा।
उत्तर: विवाद का मुख्य कारण यमुना प्रदूषण, सफाई कार्य में रुकावट और दिल्ली की बिगड़ती स्थिति को लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप है।
उत्तर: एलजी ने अपने पत्र में केजरीवाल पर शहर की बिगड़ती हालत और लोगों की दुर्दशा पर ध्यान न देने का भी आरोप लगाया।
उत्तर: हां, इस प्रकार के विवाद आगामी विधानसभा चुनावों में राजनीतिक एजेंडा और चर्चा का हिस्सा बन सकते हैं।