उच्च न्यायालय ने ‘हज ग्रुप ऑर्गनाइज़र्स’ को काली सूची में डालने के केंद्र के फैसले को खारिज किया

उच्च न्यायालय ने ‘हज ग्रुप ऑर्गनाइज़र्स’ को काली सूची में डालने के केंद्र के फैसले को खारिज किया

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 09:40 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 09:40 PM IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने हज नीति 2023 के कथित उल्लंघन को लेकर कई ‘हज ग्रुप ऑर्गनाइज़र्स’ (एचजीओ) को काली सूची में डालने के केंद्र के फैसले को खारिज कर दिया है।

न्यायमूर्ति संजीव नरुला ने एचजीओ की 15 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस में “अस्पष्ट भाषा” है और इसलिए काली सूची में डालने के आदेश कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं हैं और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन हैं।

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पिछले वर्ष याचिकाकर्ताओं को हज 2024 से पांच से 15 वर्ष की अवधि के लिए एचजीओ के रूप में पंजीकरण के लिए आवेदन करने से प्रतिबंधित कर दिया था तथा उनकी सुरक्षा जमा राशि जब्त करने का भी आदेश दिया था।

एचजीओ सीटों की गुटबंदी और कालाबाजारी का आरोप लगाने वाली शिकायत के बाद मई 2023 में अधिकारियों ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए थे।

अदालत ने 18 सितंबर के आदेश में कहा कि कारण बताओ नोटिस में याचिकाकर्ताओं को काली सूची में डालने या प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई के बारे में प्रावधानों का विशिष्ट विवरण नहीं दिया गया था और ऐसे में उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए उचित मौका नहीं दिया गया।

हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया कि उसने मामले के गुण-दोष पर विचार नहीं किया है, तथा मंत्रालय को एक सप्ताह के भीतर नए कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया, जिसमें हज नीति के उन प्रावधानों का उल्लेख हो जिनका कथित रूप से उल्लंघन किया गया है तथा प्रस्तावित कार्रवाई का भी उल्लेख हो।

भाषा नोमान शफीक

शफीक