शिमला, 19 नवंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा ‘सेली हाइड्रोपावर इलेक्ट्रिकल कंपनी’ को दिए जाने वाले 150 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को जब्त करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ ने सोमवार को आदेश देते हुए कहा कि कंपनी मध्य दिल्ली के मंडी हाउस क्षेत्र में स्थित हिमाचल भवन की नीलामी के लिए उचित कदम उठा सकती है।
मामला लाहौल एवं स्पीति जिले में चिनाब नदी पर 340 मेगावाट की सेली हाइड्रोपावर इलेक्ट्रिक परियोजना से जुड़ा है। राज्य सरकार ने कंपनी को परियोजना सौंपी और 28 फरवरी, 2009 को आवंटन पत्र (एलओए) जारी किया, जिसके बाद कंपनी ने 64 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि जमा की।
हालांकि, परियोजना मूर्त रूप नहीं ले सकी। राज्य सरकार ने एलओए रद्द कर दिया और अग्रिम राशि जब्त करने का आदेश दिया।
कंपनी ने इस निर्णय को मध्यस्थता अदालत के समक्ष चुनौती दी, जिसने उसके पक्ष में फैसला सुनाया और सरकार को ब्याज सहित अग्रिम राशि जमा करने को कहा। राज्य सरकार द्वारा आदेश का पालन न करने के बाद, कंपनी ने अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।
न्यायालय ने याचिकाकर्ता की इस दलील पर गौर किया कि परियोजना तकनीकी और वित्तीय रूप से अव्यवहारिक हो गई है और इससे हटने की उसकी प्रार्थना स्वीकार किए जाने योग्य है।
उच्च न्यायालय ने 13 जनवरी, 2023 को मध्यस्थता के निर्णय को भी बरकरार रखा और सरकार को रजिस्ट्री में ब्याज सहित अग्रिम राशि जमा करने का निर्देश दिया।
भुगतान में देरी के कारण याचिका दायर करने की तिथि से सात प्रतिशत ब्याज के साथ राशि बढ़कर 150 करोड़ रुपये हो गई है।
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शफीक नरेश
नरेश