नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली सरकार को बाल श्रम के विरूद्ध और ऐसे बच्चों को छुड़ाने एवं उनके पुनर्वास के लिए उठाये गये कदमों पर समग्र रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभू बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने रिपोर्ट में इन मुद्दों पर जिलावार जानकारी मांगी है।
पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) वस्तु स्थिति रिपोर्ट दाखिल करे और स्पष्ट रुप से बताये कि जिलावार कार्यबल की कितनी बैठकें हुईं, क्या जिलावार अभियान चलाने के लिए कार्ययोजना बनायी गयी तथा मुक्त कराये गये बच्चों के पुनर्वास के लिए क्या-क्या कदम उठाये गये।’’
पीठ ने कहा, ‘‘ दिल्ली के मुख्य सचिव के व्यक्तिगत हलफनामे द्वारा पुष्टि की गई एक व्यापक रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’
उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘ जिलावार कुछ जवाबदेही होनी चाहिए।’’
उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से उस प्राथमिकी की जांच के सिलसिले में वस्तु स्थिति रिपोर्ट भी दाखिल करने को कहा है जिसमें बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के लिए की गई एक छोपेमारी में हिस्सा लेने वाले स्वयंसेवकों के साथ मारपीट और छेड़छाड़ किये जाने का आरोप है।
उच्च न्यायालय ने इस संबंध में मार्च में अगली सुनवाई के दौरान संबंधित थाना प्रभारी को अदालत में हाजिर रहने का भी निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय गैर सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। संगठन ने दिसंबर 2019 में यहां अनाज मंडी में एक फैक्टरी में आग लगने से बच्चों सहित 40 से अधिक लोगों की जान जाने की त्रासदी के बाद याचिका दायर की थी।
भाषा
राजकुमार सुभाष
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