बेंगलुरु, 15 जनवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाला मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई बुधवार को 27 जनवरी तक स्थगित कर दी।
कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा की एमयूडीए भूखंड आवंटन घोटाले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने वाले न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना ने लोकायुक्त को 27 जनवरी तक जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता रविवर्मा कुमार, अभिषेक मनु सिंघवी ने तथा याचिकाकर्ता की तरफ से मनिंदर सिंह ने पैरवी की।
जिरह के दौरान सिंह ने आरोप लगाया कि एमयूडीए से मूल फाइलें गायब हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘हम हर मुद्दे का निपटान करेंगे, लेकिन पहले लोकायुक्त को अब तक रिकॉर्ड में मौजूद हर चीज का ब्योरा देना होगा। अब तक की गई जांच का पूरा ब्योरा देना होगा।’’
अंत में अदालत ने लोकायुक्त को 27 जनवरी तक जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने का निर्देश दिया।
आरोप हैं कि सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसुरू में प्रतिपूरक भूखंड आवंटित किया गया था जिसका संपत्ति मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहीत’ किया था।
एमयूडीए ने पार्वती को उनकी 3.16 एकड़ भूमि के बदले 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे।
कर्नाटक लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, पार्वती, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय ने कृष्णा की शिकायत पर कथित घोटाले की जांच शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री ने कथित घोटाले में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।
भाषा खारी वैभव
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