दिल्ली सरकार भारी बारिश के कारण जलभराव के हालात की निगरानी के लिए बनाएगी नियंत्रण कक्ष

दिल्ली सरकार भारी बारिश के कारण जलभराव के हालात की निगरानी के लिए बनाएगी नियंत्रण कक्ष

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 07:18 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 07:18 PM IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करेगी, जहां 24 घंटे काम होगा।

भारद्वाज ने यह घोषणा तब की जब राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भारी बारिश हुई और बहुत से इलाकों में जलभराव से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

शुक्रवार को हुई यह बारिश 88 वर्षों में जून में एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश है।

भारद्वाज और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों आतिशी, गोपाल राय तथा इमरान हुसैन ने दोपहर में एक आपातकालीन बैठक की और हालात की समीक्षा की।

राष्ट्रीय राजधानी में भारी बारिश के बीच शुक्रवार तड़के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे के टर्मिनल-1 की छत का एक हिस्सा गिर गया, जिससे एक कैब चालक की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए।

आतिशी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 228 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1936 के बाद सबसे अधिक है। बारिश से जलभराव हो गया।’’

भारद्वाज ने कहा कि पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में चौबीसों घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है, जहां वरिष्ठ अधिकारी जलभराव की स्थिति पर नजर रखेंगे।

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने जलभराव की शिकायत दर्ज कराने के लिए व्हाट्सऐप चैटबॉट नंबर और हेल्पलाइन नंबर शुरू किया है।

इससे पहले दिन में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने दिल्ली में स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों को आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने तथा जलभराव की समस्या से निपटने के लिए पंप की सहायता लेने का निर्देश दिया।

आपात बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने कहा कि छुट्टी पर गए सभी वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत ड्यूटी पर वापस आने के लिए कहा जाना चाहिए और अगले दो महीनों तक कोई छुट्टी मंजूर नहीं की जानी चाहिए।

उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी में तैयारियों और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की कमी का भी संज्ञान लिया। बैठक में दिल्ली जल बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, दिल्ली नगर निगम, दिल्ली विकास प्राधिकरण, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

सक्सेना ने कहा कि नालों से गाद निकालने का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। उपराज्यपाल ने अधिकारियों से अगले सप्ताह में आपात आधार पर गाद निकलवाने का काम शुरू करने को कहा।

उपराज्यपाल ने अधिकारियों से जलभराव की शिकायतों के लिए आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित करने को कहा। नियंत्रण कक्ष में वरिष्ठ अधिकारी चौबीसों घंटे मौजूद रहेंगे। उन्होंने विभिन्न एजेंसियों को सड़कों पर जमा पानी निकालने के लिए पंप की सहायता लेने और कर्मियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया।

अधिकारियों ने बताया कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग को हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि वर्षा के स्तर और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी का आकलन किया जा सके।

उन्होंने बताया कि उपराज्यपाल ने राजस्व विभाग को भारी वर्षा की स्थिति में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के तहत आपदा प्रतिक्रिया प्रकोष्ठ को सक्रिय करने और मानसून के दौरान किसी भी आपातकालीन उपाय के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की सहायता लेने का निर्देश दिया।

भाषा शोभना दिलीप

दिलीप

शोभना