दिल्ली सरकार ने ड्रोन के जरिए प्रदूषण की निगरानी के लिए प्रायोगिक परियोजना शुरू की

दिल्ली सरकार ने ड्रोन के जरिए प्रदूषण की निगरानी के लिए प्रायोगिक परियोजना शुरू की

  •  
  • Publish Date - October 25, 2024 / 07:51 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि प्रदूषण के ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्रों में इसके स्रोतों की पहचान ड्रोन कैमरों की मदद से की जाएगी।

राय ने कहा कि यह फिलहाल प्रायोगिक आधार पर किया जा रहा है और सफल रहता है तो अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्रों में सुधार आएगा। ‘हॉटस्पॉट’ क्षेत्र से मतलब अत्यधिक प्रदूषित इलाकों से है।

इस बाबत वजीरपुर में हुए एक प्रदर्शन के दौरान राय ने हाल में जारी 21 सूत्री शीतकालीन कार्य योजना पर चर्चा की, जिसे धूल, वाहन उत्सर्जन और खुले में वस्तुओं को जलाने सहित विभिन्न प्रदूषण स्रोतों से निपटने के लिए तैयार किया गया है।

उन्होंने राजधानी वासियों से प्रदूषण कम करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और कहा, “दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए दिन-रात अथक प्रयास कर रही है।”

राय ने कहा, “ड्रोन का उपयोग दिल्ली में प्रदूषण की निगरानी में एक अग्रणी कदम है। ड्रोन 200 मीटर के दायरे में काम करेंगे और प्रदूषण स्रोतों की तस्वीरें लेंगे, जिनका विश्लेषण करके लक्षित कार्रवाई की जाएगी। ड्रोन 120 मीटर की ऊंचाई पर उड़ेंगे, जिससे उच्च प्रदूषण स्तर वाले क्षेत्रों की प्रभावी निगरानी की जा सकेगी।”

उन्होंने कहा, “आज का प्रदर्शन, 13 ‘हॉटस्पॉट’ की निगरानी करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।”

इसके अतिरिक्त, राय ने माना कि वायु गुणवत्ता में हाल में सुधार आया है, जिसका श्रेय तेज हवाओं को जाता है।

उन्होंने बताया, “वर्षा के बाद, हवा के रुख में अचानक परिवर्तन के कारण प्रदूषण के स्तर में अस्थायी वृद्धि हुई, लेकिन अब तेज हवाएं हवा को साफ करने में मदद कर रही हैं।”

भाषा नोमान प्रशांत

प्रशांत