नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को 2021-22 की आबकारी नीति से संबंधित कथित धनशोधन मामले में निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका 35 आरोपियों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से भेजने की अनुमति दे दी, क्योंकि इससे जनता के पैसे की बचत होगी।
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि सभी आरोपियों को 1500 पन्नों की अपील भेजने में करीब तीन लाख रुपये की बचत होगी।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने आरोपियों और उनके वकीलों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से याचिका की प्रति भेजने को लेकर जांच एजेंसी का अनुरोध स्वीकार कर लिया।
अदालत ने कहा कि यदि कोई आरोपी भौतिक प्रति मांगेगा तो उसके अनुरोध पर विचार किया जएगा।
उच्च न्यायालय ने इससे पहले आप नेताओं अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह समेत 40 आरोपियों से प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर जवाब मांगा था।
प्रवर्तन निदेशालय ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उसे मामले में आरोपियों को ‘असंबद्ध दस्तावेज’ मुहैया कराने का निर्देश दिया गया था।
ये ऐसे दस्तावेज हैं जिनका इस्तेमाल अभियोजन पक्ष ने अपने मामले के समर्थन में नहीं किया है।
भाषा वैभव सुरेश
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