नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली में 7,000 करोड़ रुपये की कोकीन जब्त होने से जुड़े मामले की पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि मादक पदार्थों के खरीदार खुद को वैध ग्राहक दिखाने और साबित करने के लिए भारतीय नोटों की तस्वीरों का इस्तेमाल ‘कोड’ के रूप में करते थे।
पुलिस के एक सूत्र के अनुसार, इस मामले में अब तक गिरफ्तार सात लोगों में से एक तुषार गोयल के महिपालपुर स्थित गोदाम का इस्तेमाल देश भर में मादक पदार्थों की आपूर्ति के लिए मुख्य स्थान के रूप में किया जाना था।
गोदाम से अक्टूबर को 562 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई थी। बृहस्पतिवार को पश्चिमी दिल्ली के रमेश नगर से 208 किलोग्राम कोकीन बरामद की गई।
सूत्र ने बताया कि यह भंडार भी गोयल के गोदाम में रखा जाना था, लेकिन दो अक्टूबर को हुई बरामदगी के तुरंत बाद इसका रखवाला ब्रिटेन भाग गया।
सूत्र के अनुसार, लोग आते और गोयल को एक करेंसी बैंक नोट की तस्वीर दिखाते, जो दुबई में रह रहा सरगना कोड के रूप में इस्तेमाल करने के लिए गोयल को पहले ही भेज देता था। कोड सत्यापित होने के बाद, खेप सौंप दी जाती थी।
जांच से जुड़े पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “गोयल को 700 किलोग्राम मादक पदार्थ की खेप रखने और उसे वितरित करने के लिए करीब 30 करोड़ रुपये मिलने थे।”
अधिकारी ने बताया कि उसे मुंबई स्थित सिंडिकेट के सदस्य भरत कुमार जैन को 15 किलोग्राम मादक पदार्थ की खेप सौंपने के लिए तीन करोड़ रुपये मिलने थे।
गोयल से अपरिचित जैन ने खेप प्राप्त करने के लिए उसे भारतीय नोट की तस्वीर भी दिखाई थी।
अधिकारी ने कहा कि दुबई से सरगना ने क्रिप्टोकरेंसी में गोयल को पैसे भेजे थे। गोयल, उसके दो सहयोगियों और जैन को दो अक्टूबर को विशेष प्रकोष्ठ ने महिपालपुर में स्थित गोदाम के बाहर से गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने बाद में ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय मूल के जीतेंद्र गिल उर्फ जस्सी समेत तीन और लोगों को अमृतसर से गिरफ्तार किया था। बृहस्पतिवार को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के हापुड़ से अखलाक नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
भाषा जोहेब दिलीप
दिलीप