दिल्ली: अदालत ने नाबालिग की तस्करी और दुष्कर्म मामले में व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय किए

दिल्ली: अदालत ने नाबालिग की तस्करी और दुष्कर्म मामले में व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय किए

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  • Publish Date - January 9, 2025 / 08:35 PM IST,
    Updated On - January 9, 2025 / 08:35 PM IST

नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक नाबालिग लड़की की तस्करी और दुष्कर्म के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ आरोप तय किए हैं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुशील बाला डागर ने एक महिला के खिलाफ भी बाल कर्मचारी का शोषण करने के आरोप तय किए तथा पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए एक अन्य आरोपी को बरी कर दिया।

यह मामला फिरोज उर्फ ​​मोहम्मद जुमरात, रेणु तोरा और दीपक जैन के खिलाफ था।

अदालत ने 23 दिसंबर 2024 को अपने फैसले में कहा कि 29 जनवरी, 2022 को प्राथमिकी दर्ज होने से कुछ वर्ष पहले आरोपी फिरोज ने पीड़िता को अलग-अलग घरों में घरेलू सहायिका का काम दिलाने के लिए बहला-फुसलाकर उसका यौन शोषण किया।

फिरोज और उसकी साथी तोरा ने नाबालिग लड़की की कमाई के पैसे भी नहीं दिये, जो उसे उसके नियोक्ता जैन से मिले थे।

अदालत ने कहा कि फिरोज के खिलाफ तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 370 (नाबालिग की तस्करी), 370 ए (तस्करी किए गए व्यक्ति का शोषण), 376 2 (एन) (बार-बार दुष्कर्म), 376 (3) (16 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म) के तहत आरोप तय किए गए।

अदालत ने उसके (फिरोज के) खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा छह (गंभीर यौन उत्पीड़न) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 79 (बाल कर्मचारी का शोषण करने की सजा) के तहत भी आरोप तय किए।

प्राथमिकी के अनुसार, नाबालिग को झारखंड के एक गांव से उसका रिश्तेदार राजधानी रांची ले गया, जहां से फिरोज उसे दिल्ली ले आया।

भाषा जितेंद्र शफीक

शफीक