दिल्ली : अदालत ने 2018 में युवती से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार दिया

दिल्ली : अदालत ने 2018 में युवती से दुष्कर्म के आरोपी को दोषी करार दिया

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  • Publish Date - October 26, 2024 / 06:49 PM IST,
    Updated On - October 26, 2024 / 06:49 PM IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) यहां की एक अदालत ने 2018 में 19 वर्षीय युवती से बार-बार दुष्कर्म करने एवं उसे गर्भवती करने के मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए कहा कि यह निष्कर्ष सुरक्षित तौर पर निकाला जा सकता है कि पूरी घटना में पीड़िता की सहमति नहीं थी।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीति परेवा दुष्कर्म, अपहरण और पीड़िता को आपराधिक धमकी देने के मामले में आरोपी के खिलाफ सुनवाई कर रही थीं।

अदालत ने प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आठ अक्टूबर को दिये अपने 46 पृष्ठ के फैसले में कहा, ‘‘यह निष्कर्ष सुरक्षित तौर पर निकाला जा सकता है कि पीड़िता की सहमति नहीं थी और आरोपी ने पीड़िता की सहमति के बिना उसके साथ बार-बार यौन संबंध बनाए।’’

इसमें कहा गया कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे पता चले कि अभियोजक के पास आरोपी को झूठे मामले में फंसाने का कोई मकसद था और पीड़िता की निर्विवाद गवाही की पुष्टि उसकी मां के बयान से होती है।

अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा, पीड़िता की नासमझी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पेट दर्द की शिकायत के बाद वह अपनी मां के साथ अस्पताल गई, जहां उसे पांच महीने की अपनी गर्भावस्था के बारे में पता चला। यह तथ्य पीड़िता और उसके परिवार की नादानी और अनभिज्ञता को भी दर्शाता है।’’

अदालत ने कहा कि डीएनए जांच रिपोर्ट के अनुसार आरोपी ही बच्चे का जैविक पिता है।

अदालत ने पीड़िता की गवाही पर संज्ञान लिया कि आरोपी ने उसे पार्क में एकांत कमरे में आने को मजबूर किया, जहां आरोपी ने उसके साथ बार-बार बलात्कार किया। उसने पीड़िता को यह कहकर धमकाया भी कि अगर उसने अपनी मां को इस बारे में बताया तो उसे घर से निकाल दिया जाएगा।

अदालत ने पीड़िता की गवाही की सराहना करते हुए कहा, ‘‘पीड़िता जिस समाज से आती है उससे अदालत आंखें नहीं मूंद सकती। अपराध बोध और शर्मिंदगी का मिश्रण हमारे समाज में पीड़िता के मन में उत्पन्न भय का प्रमुख कारण है और ऐसे में पीड़िता के असुरक्षित होने को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।’’

अदालत ने रेखांकित किया कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी के खिलाफ अपना मामला सफलतापूर्वक साबित कर दिया है। उसने कहा, ‘‘आरोपी ने यौन उत्पीड़न की मंशा से पीड़िता का अपहरण किया, उसके साथ तीन से चार बार बलात्कार किया, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई और एक लड़की को जन्म दिया। साथ ही उसे आपराधिक रूप से डराया-धमकाया।’’

अदालत ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (बलात्कार), 366 (अपहरण या महिला को विवाह के लिए मजबूर करना आदि) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी करार दिया।

अदालत में दोषी की सजा पर बाद में बहस होगी।

भाषा धीरज माधव

माधव