नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और विवादों में रहे हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा को तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन के लेटरहेड पर कथित रूप से जालसाजी करने के 2009 के मामले में मंगलवार को बरी कर दिया। बचाव पक्ष के एक वकील ने यह जानकारी दी।
वर्मा की ओर से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष मामले में साक्ष्यों को साबित करने में विफल रहा।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने माकन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था।
शिकायत में बताया गया था कि वर्मा ने 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को माकन के लेटरहेड पर एक जाली पत्र लिखा था, जिसमें व्यापार वीजा मानदंडों को हल्का करने की मांग की गई थी।
सीबीआई ने आरोपपत्र में बताया था कि टाइटलर और वर्मा की सक्रिय मिलीभगत से यह जालसाजी की गई।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि जाली पत्र चीन स्थित एक दूरसंचार कंपनी को दिया गया था, जिसका उद्देश्य भारत में वीजा विस्तार का गलत आश्वासन देना था। आरोपपत्र के मुताबिक, वर्मा ने पत्र दिखाने के लिए कंपनी से दस लाख डॉलर मांगे थे लेकिन रुपयों का लेन-देन नहीं हुआ था।
सीबीआई ने माकन की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए वर्मा के खिलाफ तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 469 के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
यह मुकदमा प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी से संबंधित है।
भाषा जितेंद्र माधव
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