नयी दिल्ली: Announcement of increase in minimum wages of workers दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को असंगठित क्षेत्र के अकुशल श्रमिकों के लिए 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये न्यूनतम वेतन की घोषणा की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के तौर पर प्रभार संभालने के बाद अपनी पहली प्रेसवार्ता में आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी सरकार ने शहर में मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन लागू किया है, जो देश में ‘‘सबसे अधिक’’ है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि न्यूनतम मजदूरी की नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी। इसमें कहा गया है कि संशोधित न्यूनतम वेतन की अन्य दरें दसवीं उत्तीर्ण श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये और स्नातक श्रमिकों के लिए 23,836 रुपये हैं।
मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर ‘‘गरीब विरोधी’’ होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि भाजपा द्वारा शासित राज्यों में न्यूनतम वेतन ‘‘दिल्ली में दिये जा रहे वेतन का आधा है।’’
आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने न केवल अदालत के माध्यम से न्यूनतम वेतन लागू किया, बल्कि भाजपा द्वारा खड़ी की गईं ‘‘बाधाओं’’ के बावजूद हर साल दो बार इसमें संशोधन भी सुनिश्चित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘न्यूनतम वेतन पाने वाले लोग गरीब वर्ग से हैं, वे मजदूर हैं। भाजपा ने हमेशा गरीबों के खिलाफ काम किया है और जब केजरीवाल सरकार ने 2016-17 में दिल्ली में न्यूनतम वेतन बढ़ाने की बात की, तो भाजपा ने अपने उपराज्यपाल के जरिए इसे रोक दिया।’’
Announcement of hike in minimum wages of workers आतिशी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने लड़ाई लड़ी और अदालत से आम लोगों के हित में फैसला आया।
उन्होंने कहा कि अब सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा के अनुसार न्यूनतम वेतन साल में दो बार संशोधित किया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केजरीवाल सरकार के सत्ता में आने से पहले, 2013 में दिल्ली में अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 7,722 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 8,528 रुपये और कुशल के लिए 9,388 रुपये था।