दिल्ली: भाजपा के जाट नेताओं ने केजरीवाल की आरक्षण मांग को चुनावी हथकंडा बताया

दिल्ली: भाजपा के जाट नेताओं ने केजरीवाल की आरक्षण मांग को चुनावी हथकंडा बताया

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  • Publish Date - January 10, 2025 / 08:33 PM IST,
    Updated On - January 10, 2025 / 08:33 PM IST

नयी दिल्ली, 10 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जाट नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 10 वर्षों तक सत्ता में रहने के दौरान कभी भी जाट आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया लेकिन चुनाव से पहले वह इस पर राजनीति कर रहे हैं।

जाट नेताओं ने इसे ‘चुनावी नौटंकी’ करार दिया।

भाजपा सांसद कमलजीत सहरावत ने केजरीवाल द्वारा जाट आरक्षण को लेकर लगाये गये हालिया आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘केवल प्रधानमंत्री को पत्र लिखने से आरक्षण नहीं मिल जाता।’’

केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि भाजपा, अपना वादा करने के बावजूद भी जाट समुदाय को केंद्र के अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) सूची में शामिल करने में विफल रही है।

केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर दिल्ली के जाटों को आरक्षण देने का आग्रह किया है।

उन्होंने भाजपा पर राजस्थान में जाटों का पक्ष लेने और दिल्ली में उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया था।

सहरावत ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘जो लोग जाटों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं, उन्होंने कभी विधानसभा में उनके लिए आवाज नहीं उठाई। पिछले 10 वर्ष में केजरीवाल ने कभी विधानसभा में इस मुद्दे को नहीं उठाया और न ही दिल्ली के जाटों को आरक्षण देने का प्रस्ताव रखा।’’

भाजपा नेता और नयी दिल्ली नगर निगम परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने जाट आरक्षण पर केजरीवाल की टिप्पणी को ‘चुनावी नौटंकी’ करार दिया।

चहल ने कहा, ‘‘जाट आरक्षण सिर्फ एक राजनीतिक मुद्दा है, आम आदमी पार्टी वेंटिलेटर पर है इसलिए वे इस तरह के हथकंडे अपना रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जाट होने पर गर्व है और मुझे भाजपा ने एनडीएमसी का उपाध्यक्ष बनाया है।’’

चहल ने कहा कि जाट समुदाय में केजरीवाल की “अचानक दिलचस्पी” सिर्फ इसलिए है क्योंकि दिल्ली में जाट अब भाजपा का समर्थन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस देश में किसी ने वास्तव में जाटों के लिए काम किया है तो वह नरेन्द्र मोदी हैं। केजरीवाल ने सत्ता में रहने के 10 वर्ष में जाट आरक्षण की मांग क्यों नहीं की?’’

दिल्ली में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा और आठ फरवरी को मतगणना की जाएगी।

भाषा यासिर जितेंद्र

जितेंद्र