नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) दिल्ली विधानसभा ने बृहस्पतिवार को वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ उन मामलों को ‘निपटाने’ का प्रस्ताव पारित किया, जो आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के रहते पिछले कई वर्षों सें सदन की विभिन्न समितियों के समक्ष लंबित हैं।
अधिकांश मामले पार्टी के 10 साल के शासन के दौरान आप विधायकों द्वारा की गई शिकायतों से संबंधित हैं।
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “इन समितियों में दिल्ली सरकार के अधिकारियों को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इन समितियों के समक्ष कुछ मामले 2016 से लंबित हैं और उनकी जांच के लिए कोई बैठक नहीं हुई है।”
भाजपा विधायक अभय वर्मा ने बृहस्पतिवार को पिछली विधानसभा से जुड़े मामलों के निपटारे के लिए प्रस्ताव पेश किया। ये मामले शीर्ष आईएएस अधिकारियों से संबंधित हैं, जिन्होंने अलग-अलग समय में दिल्ली सरकार में काम किया है।
इन अधिकारियों में से कई अब केंद्र सरकार के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत हैं।
इस बीच, सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक मोहन सिंह बिष्ट मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र मुस्तफाबाद का नाम बदलकर शिव विहार करने के संबंध में शुक्रवार को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर सकते हैं।
विधानसभा की कार्यसूची से पता चला है कि विधानसभा के उपाध्यक्ष बिष्ट शुक्रवार को बजट सत्र के दौरान भोजनावकाश के बाद इस संबंध में एक गैर-सरकारी प्रस्ताव पेश करेंगे।
फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बिष्ट ने दावा किया था कि मुस्तफाबाद में हिंदुओं की आबादी अधिक है, जो इसका नाम बदलकर ‘शिव विहार’ या ‘शिव पुरी’ रखना चाहती है।
भाषा जोहेब शोभना
शोभना
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