नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के द्वारका में 211 फुट ऊंचा रावण का पुतला बनाने में 40 कारीगरों को चार महीने का समय लगा।
हरियाणा के बरारा गांव के कारीगरों द्वारा निर्मित 30 लाख रुपये की लागत वाले इस पुतले का 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में दहन किया जाएगा।
रामलीला समिति के अध्यक्ष राजेश गहलोत के अनुसार, नवरात्र के पहले दिन सेक्टर 10 के डीडीए ग्राउंड में ‘कलश स्थापना’ के दौरान यह पुतला स्थापित किया गया था।
गहलोत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “यह रावण का अब तक का सबसे ऊंचा पुतला है, जिसकी ऊंचाई 211 फुट है। इसे मखमली कपड़े से सजाया गया है और लोहे से बनाया गया है। इसे 40 कारीगरों की टीम ने चार महीने में बनाया है।”
समिति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हर साल की तरह इस भव्य आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है।
समिति के अध्यक्ष ने बताया, “अभी तक हमें कोई जवाब नहीं मिला है लेकिन हमें उम्मीद है।”
समिति 14 साल से रावण दहन का आयोजन करती आ रही है।
गहलोत ने बताया, “यह हमारा 12वां रावण दहन होगा क्योंकि हम कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण दो साल दशहरा नहीं मना पाए थे।”
उन्होंने इस बात पर गर्व जताया कि पुतला बनाने में कागज का इस्तेमाल नहीं किया गया।
वहीं, लव कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने कहा कि 120 फुट का रावण का पुतला बनाने में करीब दो महीने लगे।
कुमार ने बताया कि रावण, कुंभकर्ण (रावण का छोटा भाई, 110 फुट) और मेघनाद (रावण का सबसे बड़ा पुत्र, 100 फुट) के पुतलों का निर्माण उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर के 18 कारीगरों द्वारा किया गया है।
भाषा जितेंद्र वैभव
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