Rajnath Singh Speech in Parliament : नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में संविधान पर बहस की शुरुआत की। बता दें कि यह बहस संविधान को अपनाए जाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर खूब निशाना साधा। साथ ही राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनपर तंज भी कसा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा के उप नेता ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा और कहा कि, ‘विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं क्योंकि उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है। लेकिन, भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है।’
रक्षा मंत्री ने कहा कि, हमारी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति पूरी तरह साफ है। उन्होंने कहा कि संविधान की किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा हाईजैक करने की कोशिश हमेशा की गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के मूल्यों को केंद्र में रखकर काम कर रही है। यह संविधान सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जीवन के सभी पहलुओं को छूते हुए राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है।
राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि, मुझे इस बात का गर्व है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना के साथ काम कर रही है। हमारी सरकार, भारत के संविधान में निहित धर्म और न्याय की भावना के अनुरूप कार्य कर रही है। हमने कभी किसी संस्था की स्वतंत्रता और स्वायत्तता के साथ खिलवाड़ नहीं किया है। संविधान के मूल्य हमारे लिए कहने या दिखाने भर की बात नहीं हैं। संविधान के मूल्य, संविधान के द्वारा दिखाया गया मार्ग, संविधान के सिद्धांत, हमारे मन में, वचन में, कर्म में, हर जगह दिखाई पड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले 10 वर्षों में जो भी संवैधानिक संशोधन किये, उन सभी का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ संवैधानिक मूल्यों को सशक्त करना था, सामाजिक कल्याण था और लोगों का सशक्तीकरण था।
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रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की तरह, हमने संविधान को कभी राजनीतिक हित साधने का जरिया नहीं बनाया। हमने संविधान को जिया है। हमने सजग और सच्चे सिपाही की तरह संविधान के खिलाफ की जा रही साजिशों का सामना किया है। और उसकी रक्षा के लिए बड़े से बड़ा कष्ट भी उठाया है। उन्होंने कहा कि हमने अनुच्छेद 370 को निरस्त किया, ताकि भारत की अखंडता सुनिश्चित हो। ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ से महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सशक्तीकरण का मार्ग प्रशस्त किया। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण भी सामाजिक न्याय की भावना से ही प्रेरित था।
राजनाथ सिंह ने विपक्ष के कई नेताओं पर यह कहते हुए निशाना साधा कि वे संविधान की प्रति अपनी जेब में रखते हैं क्योंकि उन्होंने अपने परिवार में पीढ़ियों से ऐसा करते देखा है।
राजनाथ सिंह ने सीधे तौर पर राहुल गांधी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा स्पष्ट रूप से विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस की ओर था।
यह बयान राजनाथ सिंह ने लोकसभा में एक चर्चा के दौरान दिया।
विपक्ष की ओर से इस बयान की आलोचना की गई और इसे राजनीति से प्रेरित बताया गया। हालांकि, प्रतिक्रिया के सटीक विवरण विपक्ष के नेताओं द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर मिल सकते हैं।
राजनाथ सिंह का यह बयान विपक्ष को संविधान और लोकतंत्र के प्रति उनकी कथनी और करनी के अंतर को उजागर करने के उद्देश्य से दिया गया प्रतीत होता है।
#WATCH | “Today, many opposition leaders roam around with a copy of the Constitution in their pockets. Actually, they have learnt this since childhood. They have seen the Constitution being kept in their pockets for generations in their families. But the BJP touches the… pic.twitter.com/cToqNPxgjX
— ANI (@ANI) December 13, 2024
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