लोकपाल को लेकर गतिरोध : उच्चतम न्यायालय एचसीए के लिए समिति का पुनर्गठन करेगा; पूर्व खिलाड़ियों, अन्य का नाम मांगा

लोकपाल को लेकर गतिरोध : उच्चतम न्यायालय एचसीए के लिए समिति का पुनर्गठन करेगा; पूर्व खिलाड़ियों, अन्य का नाम मांगा

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  • Publish Date - December 15, 2021 / 05:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:34 PM IST

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के कामकाज पर नजर रखने के लिए वह समिति का पुनर्गठन करेगा और इसके लिए शीर्ष अदालत ने पूर्व खिलाड़ियों, न्यायाधीशों के नाम मांगे हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि टीम तभी जीतेगी जब समिति ‘‘खिलाड़ियों पर ध्यान’’ दे और राजनीति में संलिप्त नहीं हो।

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश दीपक वर्मा को लोकपाल के तौर पर नियुक्त किए जाने को लेकर एचसीए के अध्यक्ष और भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन और क्रिकेट निकाय के सचिव आर. विजयनंद तथा उनके नेतृत्व वाले धड़े एक-दूसरे के खिलाफ हैं।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हीमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘अगर समिति खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित करती है तो टीम जीतेगी और अगर आप राजनीति करते हैं तो ऐसा नहीं होगा। अब न्यायालय ने इसमें हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है ताकि आप खेल पर ध्यान दे सकें।’’

पीठ ने कहा, ‘‘खेल के जानकार कुछ लोगों के नाम दीजिए। आप खिलाड़ियों एवं ऐसे लोगों के नाम दीजिए जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हो… हम समिति गठित करेंगे।’’

एक पक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राकेश खन्ना ने कहा कि एचसीए के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है क्योंकि सचिव चेक पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, जैसा कि उच्चतम न्यायालय ने 27 अक्टूबर को आदेश दिया था।

पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए हम आपसे कह रहे हैं कि नाम दीजिए।’’

उच्चतम न्यायालय ने 27 अक्टूबर को एचसीए अध्यक्ष अजहरूद्दीन और सचिव से कहा था कि चेक पर ‘‘संयुक्त’’ रूप से हस्ताक्षर करें ताकि एचसीए का कामकाज फिलहाल बाधित नहीं हो।

इसने लोकपाल न्यायमूर्ति वर्मा से कहा था कि वह कोई आदेश पारित नहीं करें क्योंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है।

एचसीए और इससे संबद्ध ‘बडिंग स्टार क्रिकेट क्लब’ ने अजहरूद्दीन एवं अन्य ने लोकपाल की नियुक्ति को तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखने के विरोध में याचिका दायर की है।

भाषा नीरज नीरज अनूप

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