‘कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन’ के दिन ‘जश्न-ए-शाहीन’ का आयोजन, शाहीन बाग में विरोध के लिए पहुंचे कश्मीरी पंडितों से हाथापाई

'कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन' के दिन 'जश्न-ए-शाहीन' का आयोजन, शाहीन बाग में विरोध के लिए पहुंचे कश्मीरी पंडितों से हाथापाई

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  • Publish Date - January 19, 2020 / 05:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:24 PM IST

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिमों का प्रदर्शन चल रहा है। इस प्रदर्शन के खिलाफ रविवार को कुछ कश्मीरी पंडित भी शाहीन बाग पहुंचे और ‘कश्मीरी पंडितों को न्याय दो’ जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों और कश्मीरी पंडितों के बीच हाथापाई भी हो गई। कश्मीर से बेदखल करने के बाद, पिछले 30 वर्षों से अपना हाल और दुर्दशा को उजागर करने और अपने लिए समर्थन जुटाने कश्मीरी पंडित रविवार को शाहीन बाग में एकत्रित हुए।

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दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से कश्मीरी पंडित अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। नागिरिकता संशोधन कानून के विरोध का जश्न मनाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने उसी दिन को चुना जिस दिन कश्मीर से पंडितों को बेदखल किया गया था। 19 जनवरी को ही प्रदर्शनस्थल पर ‘जश्न-ए-शाहीन’ कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जिसमें कविता और गीतों के नाम एक शाम का आयोजन किए जाने का ऐलान किया गया था।

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कश्मीरी पंडितों और ट्विटर के एक वर्ग ने इस आयोजन को ‘कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार’ के तहत मनाने की बात कही है। बता दें कि शाहीन बाग में बीते एक महीने से धरना प्रदर्शन जारी है।