कोलकाता : Governor of West Bengal : पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल का ऐलान हो गया है। सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया है। यह जानकारी राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी विज्ञप्ति में दे गई है। जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि, सीवी आनंद बोस की नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी।
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Governor of West Bengal : बता दें कि, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डॉ. सीवी. आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नियमित राज्यपाल नियुक्त किया है। मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन जुलाई से पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं। इससे पहले जगदीप धनखड़ बंगाल के राज्यपाल थे, लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने राज्यपाल का पद छोड़ दिया था।
Governor of West Bengal : जगदीप धनखड़ के बाद मणिपुर के राज्यपाल गणेशन को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उनको पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। अब सीवी आनंद नए राज्यपाल होंगे। उनके नाम का ऐलान कर दिया गया है। बता दें कि डॉ. सीवी आनंद बोस पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। फिलहाल वह मेघालय सरकार मे सलाहकार हैं। उनका जन्म केरल के कोट्टायम में 2 जनवरी 1951 को हुआ था। वह बिट्स पिलानी से पीएचडी होल्डर और केरल यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में MA हैं।
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Governor of West Bengal : राष्ट्रपति भवन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक डॉ. सीवी आनंद की नियुक्ति पदभार ग्रहण करने वाले दिन से प्रभावी होगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि डॉ सीवी आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नियमित राज्यपाल नियुक्त किया है। बता दें कि जगदीप धनखड़ जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे तब ममता सरकार के साथ उनकी तल्खी जग जाहिर थी। सीएम ममता बनर्जी अक्सर उन पर हमलावर रहती थीं। वहीं बीजेपी ने पहले ये दावा किया था कि बंगाल को धनखड़ के नक्शे कदम पर चलने वाला राज्यपाल मिलेगा। ये दावा बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने किया था।
Governor of West Bengal : उन्होंने कहा था कि जो भी बंगाल का नया राज्यपाल होगा, वह धनखड़ के नक्शे कदम पर चलेगा। जगदीप धनखड़ करीब 3 सालों तक बंगाल के राज्यपाल रहे। कई मौकों पर राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर उनका सीएम ममता के साथ विवाद देखने को मिला। हालांकि अब तक राज्य का पदभार संभाल रहे ला गणेशन का ममता सरकार के साथ अच्छे और सौहार्दपूर्ण संबंध रहे। ला गणेशन को जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति बनने के बाद राज्य के गवर्नर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।