त्रिपुरा: सरकार जमीन देने से इनकार करेगी तो सड़क पर रैली निकालेगी माकपा

त्रिपुरा: सरकार जमीन देने से इनकार करेगी तो सड़क पर रैली निकालेगी माकपा

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  • Publish Date - January 24, 2025 / 05:52 PM IST,
    Updated On - January 24, 2025 / 05:52 PM IST

अगरतला, 24 जनवरी (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की त्रिपुरा इकाई ने शुक्रवार को धमकी दी कि अगर राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार उन्हें मैदान मुहैया कराने से इनकार करती है तो वे 29 जनवरी को सड़क पर रैली निकालेंगे।

पार्टी का 24वां राज्य सम्मेलन उसी दिन शुरू होने वाला है और माकपा ने कार्यक्रम आयोजित करने के लिए स्कूल का मैदान मांगा है।

माकपा के समन्वयक प्रकाश करात और पार्टी की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात रैली को संबोधित करने वाले हैं।

हालांकि, राज्य सरकार ने विपक्ष को मैदान मुहैया कराने से इनकार कर दिया और कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी के कार्यक्रम के कारण किसी संस्थान में छुट्टी घोषित नहीं की जा सकती।

मुख्यमंत्री ने माकपा की योजना के बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, “जब उन्होंने मुझसे उमाकांत अकादमी मैदान में रैली आयोजित करने की अनुमति मांगी, तो मैंने जानना चाहा कि प्रस्तावित कार्यक्रम कब आयोजित किया जाएगा। उन्होंने जवाब दिया कि यह 29 जनवरी को होगा।”

उन्होंने कहा, “हम किसी शैक्षणिक संस्थान में कोई राजनीतिक रैली आयोजित करने के लिए स्कूल की छुट्टी घोषित नहीं कर सकते। माकपा स्कूल के मैदान के बचे हुए हिस्से में रैली आयोजित कर सकती है।”

साहा ने कहा कि माकपा पहले स्वामी विवेकानंद मैदान में रैली आयोजित करना चाहती थी, लेकिन वहां पहले से ही एक सरकारी कार्यक्रम (एसएचजी मेला) निर्धारित है।

माकपा के वरिष्ठ नेता पवित्र कर ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अगर सरकार उमाकांत अकादमी मैदान में रैली करने की अनुमति देने से इनकार करती है, तो हम सड़क पर उतरेंगे।”

कर ने कहा, “हमने अपने कार्यक्रम से काफी पहले स्वामी विवेकानंद मैदान में रैली करने की अनुमति मांगी थी। शुरू में हमें बताया गया कि 29 जनवरी को स्वामी विवेकानंद मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं है।”

उन्होंने कहा कि अब अधिकारी कह रहे हैं कि स्वामी विवेकानंद मैदान पर सरकारी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

कर ने आरोप लगाया कि मैदान का स्वामित्व रखने वाली त्रिपुरा खेल परिषद ने ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति का पालन नहीं किया।

भाषा जितेंद्र माधव

माधव