अतिरिक्त अंक नीति रद्द करने के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर 24 जून को न्यायालय में सुनवाई

अतिरिक्त अंक नीति रद्द करने के खिलाफ हरियाणा की याचिका पर 24 जून को न्यायालय में सुनवाई

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  • Publish Date - June 23, 2024 / 07:25 PM IST,
    Updated On - June 23, 2024 / 07:25 PM IST

नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय सोमवार को हरियाणा सरकार की एक याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें भर्ती परीक्षाओं में राज्य के निवासियों को अतिरिक्त अंक देने की राज्य की नीति को रद्द कर दिया गया है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अवकाशकालीन पीठ हरियाणा सरकार और राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संयुक्त रूप से दायर याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें उच्च न्यायालय के 31 मई के आदेश को चुनौती दी गई है।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 31 मई को राज्य सरकार की उस नीति को खारिज कर दिया था, जिसके तहत ‘ग्रुप सी’ और ‘ग्रुप डी’ के पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) में कुल अंकों में राज्य निवासी उम्मीदवार के सामाजिक-आर्थिक मानदंड के आधार पर पांच प्रतिशत अतिरिक्त अंक दिए जाने थे।

उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि कोई भी राज्य अंकों में पांच प्रतिशत का लाभ देकर रोजगार को केवल अपने निवासियों तक सीमित नहीं कर सकता। उसने कहा, “प्रतिवादियों (राज्य सरकार) ने पद के लिए आवेदन करने वाले समान स्थिति वाले उम्मीदवारों के वास्ते एक कृत्रिम वर्गीकरण बनाया है।”

उच्च न्यायालय ने कहा था, “…पद के लिए आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थी सभी पदों के लिए आयोजित सामान्य परीक्षा के आधार पर चयन के लिए समान रूप से हकदार हैं।”

फैसले में राज्य सरकार की नीति की आलोचना की गई तथा कहा गया कि उसने सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया को “पूरी तरह से लापरवाहीपूर्ण” तरीके से संचालित किया है।

भाषा प्रशांत सुरेश

सुरेश