न्यायालय ने उपभोक्ता आयोगों में बुनियादी ढांचे की कमी, रिक्त पदों के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया

न्यायालय ने उपभोक्ता आयोगों में बुनियादी ढांचे की कमी, रिक्त पदों के मामले पर स्वत: संज्ञान लिया

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  • Publish Date - January 30, 2021 / 08:21 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:55 PM IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि उपभोक्ता अधिकार ‘‘अहम अधिकार’’ हैं तथा देशभर में राज्य एवं जिला उपभोक्ता आयोगों में बुनियादी सुविधाओं की कमियों तथा रिक्त पदों के कारण आम नागरिकों को अपनी समस्याओं के समाधानों से वंचित रहना होगा।

शीर्ष अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें जिला एवं राज्य उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोगों में अध्यक्ष, सदस्य एवं कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति करने में तथा इन आयोगों को संचालित करने के लिए आवश्यक ढांचे की कमी को दूर करने में सरकार की कथित निष्क्रियता का मुद्दा उठाया गया था।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि याचिका में उठाया गया मुद्दा महत्वपूर्ण है लेकिन याचिकाकर्ता, जो कानून का विद्यार्थी है, उनकी याचिका में समुचित जमीनी कार्य नजर नहीं आ रहा है।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने मामले पर विचार किया और पाया कि यह मुद्दा काफी महत्वपूर्ण है और सामग्री एकत्रित करने में ढिलाई बरतने जाने की वजह से इसे खारिज नहीं किया जा सकता। हमारे सामने लाए गए इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई करना हमें उचित लगा।’’

न्यायालय ने इस मामले में सहयोग के लिए अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और अधिवक्ता आदित्य नारायण को न्याय मित्र नियुक्त किया।

भाषा मानसी शाहिद

शाहिद