पीएफआई नेता सलाम की अंतरिम जमानत याचिका पर अदालत ने एनआईए का रुख पूछा

पीएफआई नेता सलाम की अंतरिम जमानत याचिका पर अदालत ने एनआईए का रुख पूछा

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  • Publish Date - July 4, 2024 / 02:27 PM IST,
    Updated On - July 4, 2024 / 02:27 PM IST

नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने विधिविरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार पीएफआई नेता ओएमए सलाम की अंतरिम जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का रुख पूछा।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने सलाम को राहत से इनकार करने के निचली अदालत के एक आदेश के खिलाफ उसकी अपील पर जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया। पीठ ने एनआईए से दो सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा।

याचिकाकर्ता के वकील ने इस आधार पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत की मांग की कि सलाम की बेटी की अप्रैल में मृत्यु हो गई थी और उनकी पत्नी अवसाद में हैं।

अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख तय की।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अध्यक्ष सलाम को एनआईए ने 2022 में इस प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ व्यापक धरपकड़ की कार्रवाई के दौरान गिरफ्तार किया था।

एनआईए ने आरोप लगाया है कि पीएफआई, उसके पदाधिकारियों और उसके सदस्यों ने देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी कृत्यों को अंजाम देने के वास्ते धन जुटाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची और इस उद्देश्य के लिए अपने कैडर को प्रशिक्षित करने के वास्ते वह प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहे थे।

संगठन पर प्रतिबंध से पहले देशभर में एक साथ कई छापे मारे गए थे और कथित तौर पर आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए 11 राज्यों में बड़ी संख्या में पीएफआई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया था या गिरफ्तार किया गया था।

सरकार ने पीएफआई और उसके कई सहयोगी संगठनों पर 28 सितंबर, 2022 को यूएपीए के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया था।

भाषा वैभव मनीषा

मनीषा