यूपीएससी सीसैट परीक्षा में कटऑफ कम करने संबंधी याचिका पर शीघ्र निर्णय का अदालत का आदेश

यूपीएससी सीसैट परीक्षा में कटऑफ कम करने संबंधी याचिका पर शीघ्र निर्णय का अदालत का आदेश

यूपीएससी सीसैट परीक्षा में कटऑफ कम करने संबंधी याचिका पर शीघ्र निर्णय का अदालत का आदेश
Modified Date: June 28, 2023 / 08:25 pm IST
Published Date: June 28, 2023 8:25 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से संचालित सिविल सेवा एप्टीट्यूड टेस्ट (सीसैट) के पार्ट-2 में उत्तीर्ण होने के लिए ‘कटऑफ’ अंक 33 प्रतिशत से घटाकर 23 प्रतिशत करने संबंधी याचिका पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति सी हरि शंकर और न्यायमूर्ति मनोज जैन की अवकाशकालीन पीठ ने कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और उम्मीदवारों के एक समूह द्वारा कैट के नौ जून के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका का निपटारा कर दिया।

कैट ने भी नौ जून को उम्मीदवारों को कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और मामले की सुनवाई के लिए छह जुलाई की तारीख निर्धारित की थी।

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पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘कैट से अनुरोध है कि वह मूल आवेदन पर यथाशीघ्र निर्णय ले। (यह) कहने की आवश्यकता नहीं कि (ऐसा) प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप हो। याचिका का निपटारा किया जाता है।’’

याचिकाकर्ताओं ने अंतरिम राहत का अनुरोध करते हुए कहा था कि मामला तत्काल प्रकृति का है और परिणाम पर रोक लगाना सार्वजनिक हित में होगा, क्योंकि लाखों अन्य उम्मीदवार भी प्रभावित हैं।

याचिकाकर्ता उम्मीदवारों की ओर से पेश वकील साकेत जैन ने दलील दी कि कैट ने मामले को छह जुलाई को सुनवाई के लिए रखा है। उन्होंने याचिका की शीघ्र सुनवाई करने का कैट को निर्देश देने का अनुरोध भी किया।

कैट ने नौ जून को ‘कटऑफ’ अंक कम करने संबंधी याचिका पर नोटिस जारी किया था, लेकिन कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और मामले को छह जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।

इसके बाद अभ्यर्थियों ने कैट के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि छह जुलाई को मामले की सुनवाई करने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

याचिका में प्रार्थना की गई थी कि यूपीएससी को 12 जून को घोषित प्रारंभिक परीक्षा परिणामों पर आगे कोई कार्रवाई करने से रोका जाए। हालांकि उच्च न्यायालय ने कहा कि पूरी परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सकता।

याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि उनका मामला यह नहीं है कि प्रश्न कठिन थे, बल्कि वे पाठ्यक्रम से बाहर थे। जैन ने आरोप लगाये कि यूपीएससी ने मनमाने तरीके से काम किया है, जिससे लाखों छात्र प्रभावित हुए हैं।

हालांकि, पीठ ने कहा कि कैट ने फिलहाल याचिका खारिज नहीं की है और इस अदालत की कोई भी प्रतिकूल टिप्पणी कैट में याचिकाकर्ताओं के मामले को प्रभावित करेगी।

भाषा सुरेश अविनाश

अविनाश


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