बृज भूषण के खिलाफ मामला बंद करने पर 30 नवंबर को आ सकता है अदालत का फैसला

बृज भूषण के खिलाफ मामला बंद करने पर 30 नवंबर को आ सकता है अदालत का फैसला

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  • Publish Date - September 27, 2024 / 09:15 PM IST,
    Updated On - September 27, 2024 / 09:15 PM IST

नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक स्थानीय अदालत 30 नवंबर को तय करेगी कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ नाबालिग पहलवान की यौन उत्पीड़न की शिकायत वाले मामले को बंद करने की पुलिस की ओर से दी गई अर्जी को स्वीकार किया जाए या नहीं।

अपर सत्र न्यायाधीश छवि कपूर को इस मामले पर शुक्रवार को आदेश पारित करना था लेकिन उन्होंने मामले को यह कहते हुए स्थगित कर दिया कि आदेश तैयार नहीं है।

लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पहले न्यायाधीश के कक्ष में हुई सुनवाई के दौरान नाबालिग पहलवान ने अदालत को बताया कि वह पुलिस जांच से संतुष्ट है और मामले को बंद करने के लिए दाखिल रिपोर्ट का विरोध नहीं करती।

दिल्ली पुलिस ने अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दाखिल कर मामले को रद्द करने का अनुरोध किया था। पहलवान के पिता द्वारा यह दावा किये जाने कि उन्होंने (पहलवान के पिता ने) लड़की के साथ कथित अन्याय का बदला लेने के लिए सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी, के बाद पुलिस ने यह कदम उठाया था।

पुलिस ने सिंह पर लगी यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धाराओं को हटाने की अनुशंसा की, लेकिन छह अन्य महिला पहलवानों की ओर से दर्ज एक अन्य मामले में यौन उत्पीड़न और पीछा करने की धाराएं कायम रखने का अनुरोध किया।

पुलिस ने नाबालिग पहलवान से जुड़ी शिकायत रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि जांच के दौरान ‘‘ कोई प्रमाणिक सबूत नहीं’ मिला है।

पॉक्सो अधिनियम मे कम से कम तीन साल कारावास की सजा का प्रावधान है।

पुलिस द्वारा मामले को बंद करने के लिए रिपोर्ट दाखिल किए जाने के बाद अब अदालत को फैसला करना है कि इसे स्वीकार किया जाए या आगे की जांच का निर्देश दिया जाए।

सिंह लगातार खुद पर लगे आरोपों से इनकार करते रहे हैं।

भाषा धीरज पवनेश

पवनेश