अदालत ने जांच में ‘गंभीर चूक’ के लिए दो पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया

अदालत ने जांच में ‘गंभीर चूक’ के लिए दो पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया

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  • Publish Date - December 20, 2024 / 10:54 PM IST,
    Updated On - December 20, 2024 / 10:54 PM IST

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने दो पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि उनके खिलाफ उस गंभीर चूक के लिए विभागीय कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जानी चाहिए जिसकी वजह से सबूत नष्ट हो गए थे।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र राणा शाहबाद डेयरी पुलिस थाना द्वारा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 326 ए (एसिड हमला), 328 (जहर आदि के माध्यम से चोट पहुंचाना) और 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत दर्ज मामले की सुनवाई कर रहे थे।

मामला अभियोजन पक्ष के गवाहों से पूछताछ के चरण में है।

अदालत ने 13 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि इस तथ्य के बावजूद कि अपराध टीम को बिस्तर के गद्दे पर तेजाब के धब्बे मिले थे, जिस पर घटना के समय पीड़िता बैठी थी, लेकिन पहले जांच अधिकारी (आईओ) उप-निरीक्षक (एसआई) संदीप ने इसे जब्त नहीं किया।’’

इसमें कहा गया है कि बाद के चरण में, पीड़िता का गद्दा और साड़ी दूसरे जांच अधिकारी एसआई वेद प्रकाश द्वारा जब्त की गई थीं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इसलिए आईओ एसआई संदीप और आईओ एसआई वेद प्रकाश को यह बताने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी करें कि उनकी ओर से हुई गंभीर चूक के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए, जिसके परिणामस्वरूप इस मामले में सबूत नष्ट हो गए।’’

जब अदालत को सूचित किया गया कि आरोपियों में से एक राकेश की मृत्यु हो चुकी है, तो उसने अभियोजन पक्ष से मृत्यु सत्यापन रिपोर्ट मांगी।

इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी, 2025 को की जाएगी।

शिकायतकर्ता के अनुसार, उसके पति और ससुराल वालों ने उसे गलत तरीके से कैद किया और पीटा और उसे तेजाब जैसा कोई पदार्थ भी पिलाया जिससे उसकी बाईं आंख को स्थायी नुकसान हुआ।

भाषा संतोष वैभव

वैभव