नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से यौन उत्पीड़न के आरोपी एक व्यक्ति को इस आधार पर जमानत दे दी कि जांच पूरी हो चुकी है और वह 30 नवंबर, 2024 से हिरासत में है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कोलेट रश्मि कुजूर यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत आरोपों का सामना कर रहे व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं।
अदालत ने कहा, ‘‘सीमित साधनों के साथ झुग्गी में रहने वाले याचिकाकर्ता के तथ्यों और परिस्थितियों की समग्रता पर विचार करते हुए और यह तथ्य कि जांच लगभग पूरी हो चुकी है एवं याचिकाकर्ता 30 नवंबर, 2024 से हिरासत में है, मुझे यह ऐसा उपयुक्त मामला नहीं लगता, जिसमें जमानत देने से इनकार किया जा सके।’’
सरकारी वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी ने अक्टूबर 2024 में 16 वर्षीय लड़की का कई बार यौन उत्पीड़न किया। आरोपी के वकील मनीष भदौरिया ने दलील दी कि वास्तव में आरोपी और लड़की के बीच सहमति से संबंध बने थे।
अदालत ने 16 जनवरी के आदेश में कहा, ‘‘रिकॉर्ड के अवलोकन से पता चलता है कि वर्तमान मामला पीड़िता या अभियोजनकर्ता के बयान पर दर्ज किया गया था, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसकी सहमति से दो बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।’’
अदालत ने जांच अधिकारी द्वारा पीड़िता के बारे में बताए गए तथ्यों पर गौर किया, जिसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था।
तमाम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता/आरोपी को 10,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर राहत दी।
अदालत ने आरोपी को पीड़िता या उसके परिवार के सदस्यों या अभियोजन पक्ष के किसी भी गवाह से संपर्क न करने, उन्हें धमकी या कोई प्रलोभन नहीं देने का भी निर्देश दिया।
भाषा आशीष वैभव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)